इंदौरPublished: Feb 12, 2018 05:06:17 pm
अर्जुन रिछारिया
३ लाख को बनाया जाएगा डिजिटल लिटरेट
देवास. अभी भी ग्रामीण क्षेत्र में महिलाएं पूर्ण साक्षर नहीं हो सकी हैं। शासन द्वारा इन्हें साक्षर करने के प्रयास जारी हैं। इधर जनसाहस संस्था ग्राम की 8वीं व 10वीं तक पढऩे वाली युवतियों व महिलाओं को वर्ष 2015 से स्मार्टफोन चलाने की ट्रेनिंग दे रही है। अब तक 1 लाख से ज्यादा युवतियां और महिलाएं स्मार्टफोन चलाना सीख चुकी हैं। केंद्र सरकार ने डिजिटल इंडिया का नारा तो दे दिया, किंतु ग्रामीण परिवेश में रहने वाली महिलाएं आज भी मोबाइल का उपयोग नहीं कर पाती हैं।
संस्था की 469 महिला इंटरनेट साथी के सहयोग से 3 लाख से अधिक ग्रामीण महिलाओं को डिजिटल लिटरेट (इंटरनेट साक्षरता) बनाना है। संस्था की योजना के तहत देवास, इंदौर व उज्जैन जिले के १५ ब्लॉक में उज्जैन के तराना, घटिया, इंदौर के देपालपुर, महू, सांवेर, देवास के टोंकखुर्द, हाटपीपल्या, सोनकच्छ, बागली, खातेगांव, कन्नौद आदि के ग्रामों में कार्य किया जा रहा है। कार्यक्रम समन्वयक सलीम मंसूरी ने बताया, ग्रामीण भारत के कई गांवों में इक्का-दुक्का महिलाएं ही इंटरनेट व स्मार्टफोन का इस्तेमाल करती हैं। रूढि़वादी परंपराओं के चलते महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलने दिया जाता और न ही मोबाइल से जुड़ी जानकारी दी जाती है। इसे देखते हुए गूगल, टाटा ट्रस्ट व फिया द्वारा डिजिटल लिटरेसी से जोडऩे के लिए जुलाई 2015 से राष्ट्रीय स्तर पर परियोजना चलाई जा रही है। महिलाओं को इंटरनेट की जानकारी दी जा रही है। इस परियोजना द्वारा देवास, इंदौर व उज्जैन जिले के 1876 गांवों में इंटरनेट साथी प्रोग्राम चल रहा है। इसमें इंटरनेट साथियों की दो दिवसीय ब्लॉक वाइज ट्रेनिंग कर उन्हें प्रशिक्षित किया गया। इसमें ब्लॉक समन्वयक मनोज चौहान, संगीता पांडे, महेंद्र योगी, नवीन नवरंग, अर्जुनसिंह, अमजद, राहुल, प्रवीण, प्रकाश बकोर, दिलीप सोलंकी, लक्ष्मीनारायण नटेरिया, विशाल नटेरिया आदि सहयोग दे रहे हैं।