scriptईश्वर की पूजा करना मेरा निजी मामला, इसमें दखल देने का अधिकार किसी को नहीं | My religion is nobody else's business says CJI TS Thakur | Patrika News

ईश्वर की पूजा करना मेरा निजी मामला, इसमें दखल देने का अधिकार किसी को नहीं

Published: Nov 20, 2016 06:48:00 pm

Submitted by:

balram singh

मुख्य न्यायाधीश के अनुसार, ‘इस दुनिया में राजनीतिक संघर्ष के मुकाबले धार्मिक लड़ाइयों में ज्यादा लोग मारे गए हैं। लोगों ने एक-दूसरे को नास्तिक और काफिर कह कर मार दिया।

TS thakur

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सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस टीएस ठाकुर ने कहा है कि ‘मेरा धर्म क्या है? मैं अपने ईश्वर के साथ कैसे जुड़ता हूं?इससे किसी अन्य का कोई मतलब नहीं होना चाहिए। उन्होंने यह बात सर्वोच्च न्यायालय के जज रोहिंटन एफ नरीमन द्वारा पारसी धर्म पर लिखित एक पुस्तक का लोकार्पण करते समय कही।
उन्होंने कहा कि मैं भगवान की इबादत किस तरह से करता हूं? यह बेहद निजी मामला है। मेरे धार्मिक मामलों में दखल देने का किसी को कोई अधिकार नहीं है।’ उन्होंने समाज में शांति के लिए सहिष्णुता की भावना विकसित करने पर जोर दिया।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि इस दुनिया में राजनीतिक संघर्ष के मुकाबले धार्मिक लड़ाइयों में ज्यादा लोग मारे गए हैं। लोगों ने एक-दूसरे को नास्तिक और काफिर कह कर मार दिया। धार्मिक मान्यताओं के कारण संसार में ज्यादा तबाही और नरसंहार हुए हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए।
न्यायमूर्ति ठाकुर ने कहा, ‘मैं सोचता हूं कि आपसी भाईचारा, सहिष्णुता के संदेश के साथ यह बात अगर जन-जन तक जाए कि सभी धर्मों के रास्ते एक ही ईश्वर को जाते हैं तो विश्व में शांति, समृद्धि बढ़ेगी। इस दिशा में जस्टिस रोहिंटन ने महत्वपूर्ण कार्य किया है।’
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