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नागालैंड: BJP के खिलाफ NDPP ने बनाई रणनीति, जेनियांग ने तीसरे पक्ष को लेकर किया खुलासा

locationनई दिल्लीPublished: May 07, 2022 10:29:21 am

Submitted by:

Shaitan Prajapat

संयुक्त जनतांत्रिक गठबंधन के अध्यक्ष टीआर जेलियांग ने कहा कि उनके 20 अन्य नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) विधायकों के साथ मुख्यमंत्री नेफिउ रियो की नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) में शामिल होने का उद्देश्य तीसरे पक्ष को लाभ लेने से रोकना था।

TR Zeliang

TR Zeliang

नागालैंड में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले है। इन चुनावों को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपने कमर कस ली है। पिछले महीने नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) ने 21 विधायकों ने पाला बदलते हुए नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) में शामिल हो गए थे। प्रदेश में एनपीएफ और एनडीपीपी क्षेत्रीय पार्टियां काफी मजबूत है। भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस भी अपनी जड़े मजबूत करने में जुटी हुई है। इसी बीच संयुक्त जनतांत्रिक गठबंधन के अध्यक्ष टीआर जेलियांग ने कहा कि उनके 20 अन्य एनपीएफ विधायकों के साथ मुख्यमंत्री नेफिउ रियो की एनडीपीपी में शामिल होने का उद्देश्य ‘तीसरे पक्ष’ को लाभ लेने से रोकना था। नागालैंड की चुनावी रणनीति पर बात करते हुए कहा कि राज्य में दो मजबूत क्षेत्रीय दल है।

तीसरे पक्ष को फायदा उठाने से रोकना
यह पूछे जाने पर कि क्या उनका मतलब तीसरा पक्ष भाजपा से है। इस पर जेलियांग ने कहा कि यह भाजपा, कांग्रेस या कोई अन्य पार्टी हो सकती है। उनके मुताबिक जब राज्य में दो मजबूत क्षेत्रीय दल होंगे तो कोई तीसरा पक्ष इसका फायदा कैसे उठाएगा। पूर्व मुख्यमंत्री ने 29 मार्च को एनडीपीपी में 21 एनपीएफ विधायकों के शामिल होने के बाद सार्वजनिक डोमेन में सामने आए कुछ भ्रम को दूर करने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई।

एनडीपीपी और एनपीएफ के बीच गहन विचार-विमर्श
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने मुख्यमंत्री रियो की पार्टी में शामिल होकर अपने राजनीतिक करियर के साथ समझौता किया था, जेलियांग ने कहा, इससे कोई विवाद नहीं होगा। उन्होंने समझाया कि हालिया राजनीतिक विकास रातोंरात निर्णय नहीं था बल्कि 2021 से एनडीपीपी और एनपीएफ के बीच गहन विचार-विमर्श का परिणाम था।

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दोनों दलों के बीच एकता पर जोर
जेलियांग ने कहा कि निर्वाचित सदस्यों, विशेष रूप से राज्य में दो क्षेत्रीय दलों एनपीएफ और एनडीपीपी के बीच एकता की यह मांग जोर से गूँजती है क्योंकि भारत सरकार और नागा वार्ता समूहों के बीच राजनीतिक बातचीत में गतिरोध था। उन्होंने कहा कि चल रही राजनीतिक गतिशीलता के कारण, राज्य में एक मजबूत क्षेत्रीय पार्टी होने का विचार फिर से उभरा और दो क्षेत्रीय दलों एनडीपीपी और एनपीएफ को मिलाने के लिए एक स्वीकार्य सूत्र पर काम करने के लिए उच्चतम स्तर पर बातचीत की गई।

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