जम्मू कश्मीर में वैसे लोग जो आंतकी नहीं हो और आतंकी हमलों के समय या क्रॉस फायरिंग में मारे गए लोगों के परिजनों को अनुग्रह राशि दी जाती है। जहां इस सूची में खालिद वानी का नाम भी शामिल है। लेकिन उसके पिता की इच्छा है कि ये राशि देने के बजाए सरकार खालिद के छोटे भाई को सरकारी नौकरी दे। गौरतलब हो अप्रैल 2015 में तथाकथित तौर पर त्राल के जंगल में उस समय मारा गया था जब वो अपने कुछ दोस्तों के साथ पिकनीक मनाने गया था। उस समय बुहरान भी खालिद के साथ था। जब क्रॉस फायरिंग में उसकी मौत हो गई थी।
गौरतलब हो कि बुरहान मुजफ्फर वानी इस साल 8 जुलाई को अपने दो साथियों के साथ सेना के मुठभेर में मारा गया था। जिसके बाद से घाटी में लगातार तनाव जारी है। पुलवामा के जिला कलेक्टर ऑफिस ने 2 सालों के दौरान आतंकी हमलों और मुुठभेर में मारे गए, घायलों और जिनकी अचल संपत्ति को नकसान पहुंचा है। ऐसे लोगों से संबंधित एक सूची तैयार कर जारी किया है। इस सूची में खालिद वानी का नाम 9 वें स्थान पर है।
खालिद के मारे जाने के डेढ़ साल बाद सरकार ने मुआवजा राशि जारी की है। वहीं उसके पिता का कहना है कि मैं शुरु से कह रहा हूं कि उसका बेटा आतंकी नहीं है। उसके खिलाफ ना ही कोई केस दर्ज था, वो आम लड़को की तरह एक छात्र था। साथ ही उन्होंने खादिल को पुलिस हिरासत में यातना देकर मारने की बात कही। बेटे के मौत पर मिलने वाले मुआवजा पर दिवंगत के पिता का कहना है कि उन्हें कोई अनुग्रह राशि नहीं चाहिए।