राष्ट्रीय मतदाता दिवस का उद्देश्य
राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाने का उद्देश्य मतदाताओं को जागरुक किया जाता है कि हर एक वोट देश की तरक्की के लिए जरूरी होता है। मतदाता दिवस मनाने का उद्देश्य पात्र मतदाताओं की पहचान कर उन्हें मत देने के लिए प्रोत्साहित करना है। लोकतांत्रिक देश के नागरिकों को उनके कर्तव्य को याद दिलाने के लिए यह दिन मनाया जाता है। इसलिए यह दिन देश निर्माण के लिए महत्वपूर्ण है।
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मतदाता और मतदान से जुड़ी जरूरी जानकारियां
मतदाता दिवस का आयोजन 25 जनवरी, 2011 से शुरू हुआ। इस दिन तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’ का शुभारंभ किया था। देश में वोटिंग के लिए 18 साल की आयु सीमा निर्धारित है। 18 का होने पर व्यक्ति को मताधिकार मिल जाता है। इसके बाद वह सभी प्रकार के लोकतांत्रिक चुनावों में वोट डाल सकता है। इस क्रम में 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र के नए मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में दर्ज किए जाते हैं। साथ ही उन्हें वोटर आईडी प्रदान की जाती है।
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कैसे मनाया जाता है
हर साल राष्ट्रीय मतदाता दिवस को मुख्य अतिथि के रूप में भारत के माननीय राष्ट्रपति की उपस्थिति में नई दिल्ली में मनाया जाता है। समारोह की शुरुआत स्वागत भाषण से होता है, कई सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसे लोक नृत्य, नाटक, संगीत, विभिन्न विषयों पर ड्राइंग प्रतियोगिता इत्यादि का आयोजन किया जाता है।