सुप्रीम कोर्ट द्वारा पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू को 1988 के रोड रेज मामले में एक साल की सजा सुनाए जाने के बाद पूर्व क्रिकेटर ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कोर्ट के फैसले को स्वीकार कर लिया है और ट्वीट (Navjot Singh Sidhu Tweet) कर कहा कि वह "कानून के समक्ष पेश होंगे"।
कब क्या हुआ?Will submit to the majesty of law ….
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) May 19, 2022
-वर्ष 2002 में तत्कालीन पंजाब सरकार ने हाई कोर्ट में नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ अपील की और ये मामला फिर से चर्चा में आ गया। तब सिद्धू की राजनीति में एंट्री हुई थी।
-वर्ष 2006 में हाईकोर्ट ने अपने फैसले में नवजोत सिंह सिद्धू और उनके मित्र रूपिन्दर सिंह संधु को 3-3 साल की सजा सुनाई थी। इसके साथ ही एक लाख रुपये का जुर्माना भी ठोका था।
-वर्ष 2006 में सिद्धू ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और ये मामला बीजेपी के दिवंगत नेता अरुण जेटली ने लड़ा था। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी थी।
-15 मई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने धारा 323 के तहत सिद्धू दोषी पाया, परंतु गैर इरादतन हत्या (304) के तहत वो दोषी नहीं पाया। ऐसे में कोर्ट ने 1000 रुपये का जुर्माना लगाकर उन्हें बरी कर दिया था।
-15 सितंबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट इसकी समीक्षा याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हुआ।
-25 मार्च 2022 को कोर्ट ने समीक्षा याचिका पर अपना फैसला सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षित रख लिया था।
रोड रेज का मतलब है कि रास्ता चलते संघर्ष और मारपीट करना। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे कोई गाड़ी चलाते-चलाते आपको गुस्सा दिलाएं या आप बहुत ज्यादा चिढ़ जाएं। ऐसी स्थिति में आप रोड रेज के दोषी बन जाते हैं।