हालांकि बीजेपी के साथ जेडीयू के शामिल होने पर नीतीश कुमार के फैसले को लेकर पार्टी में अभी विरोध जारी है। लेकिन फिलहाल स्थिति साफ नहीं है कि पार्टी के सांसद राज्यसभा में इस फैसले का विरोध करेंगे। जबकि कुछ क्षेत्रिय दलों जैसे बीजद, तेलंगाना राष्ट्र समिति, अन्नाद्रमुक, वाईएसआर कांग्रेस और भारतीय राष्ट्रीय लोकदल के सांसदों की राज्यसभा में कुल संख्या 26 है। जो कि अक्सर केंद्र सरकार समर्थन करते हैं।
अगर मनोनित सदस्यों की बात करें तो 8 में से 4 सदस्यों का समर्थन केंद्र सरकार को हासिल है। इस तरह अगर पूरे आंकड़े पर नजर डालें तो राजग राज्यसभा में बहुमत हासिल करने के लिए केवल और 2 सीटों को हासिल करना होगा। जो कि बहुमत के आंकड़े राज्यसभा में 123 है। तो वहीं अभी यूपी की 9 राज्यसभा सीटों पर चुनाव होना बाकी है। ऐसे में बीजेपी की रणनीति कारगर साबित हुई तो यह उनके लिए बड़ी उपलब्धि मानी जाएगी।
तो वहीं अगर बिहार की बात करें तो यहां राजग गठबंधन को नुकसान उठाना पड़ सकता है। जहां कांग्रेस-राजद गठबंधन को फायदा मिल सकता है।