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तो इसलिए, इस रेस्टोरेंट में शहीद सैनिकों के परिवार को नहीं चुकाना पड़ता है बिल

Published: May 03, 2017 04:57:00 pm

रेस्टोरेंट में छूट देने का मसकद केवल सैनिकों और उनके परिजनों को सम्मान देना है। शुरुआती दौर में रेस्टोरेंट के मालिक हर सैनिक को फ्री में खाना खिलाते थे।

Indian Army

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किसी भी देश की सुरक्षा उसकी सेना की मजबूती पर टिकी होती है। ऐसे में सेना के जवानों को सम्मान देना अपने आप में गर्व की बात होती है। सेना के सम्मान से जुड़ा एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहां छत्तीसगढ़ में एक रेस्टोरेंट में किसी भी शहीद परिवार से खाना खाने का बिल नहीं लिया जाता है। बल्कि उन्हें मुफ्त में रेस्टोरेंट की ओर से सारी सुविधाएं भी दी जाती है। 
दरअसल छत्तीसगढ़ के रायपुर में एक स्थित इस रेस्टोरेंट में शहीद परिवारों के अलावा सेना का कोई जवान अगर अपनी वर्दी में यहां खाना खाने आता है तो उसे खाने के बिल पर 50 फीसदी की छूट दी जाती है। तो वहीं अगर कोई सेना का जवान बिना वर्दी भोजन करने पहुंचता है तो उसे अपना आई कार्ड दिखाने पर इस रेस्टोरेंट में 25 फीसदी की छूट खाने पर मिलती है। 
रेस्टोरेंट के मालिक का कहना है कि वह भी सेना में भर्ती होना चाहते थे, लेकिन किसी वजह से वह सेना में नहीं जा सकें। लेकिन उनके दिल में सेना के प्रति हमेशा से आदर बना रहा। और वह देश के सैनिकों के लिए कुछ करना चाहते थे। इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने इस रेस्टोरेंट के जरिए सेना को मुफ्त में खाना खिलाने का फैसला लिया। जिसके बाद वहां हर सैनिक और उसके परिवार को खाने पर विशेष छूट दी जाती है। 
वैसे तो यह रेस्टोरेंट बिलकुल आम रेस्टोरेंट की तरह है। क्योंकि यहां आम लोग भी खाना खाने आते हैं। लेकिन सैनिकों को मुफ्त में भोजन कराने के कारण यह बाकी के रेस्टोरेंट से थोड़ा अलग लगता है। सबसे अच्छी बात कि रेस्टोरेंट में मेन गेट पर इस बात की सूचना चिपकी हुई है। ताकि अगर किसी को नहीं पता हो तो उसे किसी तरह की परेशानी नहीं हो। 
तो वहीं इस रेस्टोरेंट में छूट देने का मसकद केवल सैनिकों और उनके परिजनों को सम्मान देना है। शुरुआती दौर में रेस्टोरेंट के मालिक हर सैनिक को फ्री में खाना खिलाते थे। लेकिन एक बार किसी सैनिक ने उन्हें कहा कि अगर ऐसा करेंगे तो शायद सैनिकों को बुरा भी लग सकता है। इसके बाद सैनिकों की राय के बाद उनका सम्मान करते हुए खाने पर कुछ फीसदी की छूट देना शुरु कर दिया। लेकिन बावजूद इसके उन्होंने शहीद सैनिकों के परिजनों के लिए मुफ्त में खाना खिलाना जारी रखा। 
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