इसमें कहा गया है कि हर बाल कलाकार को आत्म सम्मान के साथ काम करने और उससे जुड़े फैसलों में भाग लेने का अधिकार होगा। उसकी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखना होगा। उससे ऐसा कोई रोल नहीं करवाया जा सकेगा जिसकी वजह से उसे शर्मिंदगी उठानी पड़े या उसे भावनात्मक चोट पहुंचे। इन दिनों रियलिटी शोज में जज अक्सर भाग लेने वालों के साथ बहुत बदतमीजी से पेश आते हैं। इस तरह के व्यवहार की नई गाइडलाइन में साफ मनाही की गई है। यह कहती है कि बच्चों से किसी भी तरह के नग्नता या अश्लीलता के सीन नहीं करवाए जा सकते।
Child artist के साथ गार्जियन रहे मौजूद
आयोग की गाइडलाइन में कहा गया है कि अगर कलाकार 6 साल से कम उम्र का है तो हर समय उसके साथ मां-बाप में से एक व्यक्ति या उसका लीगल गार्जियन मौजूद रहे। इसी तरह 6 साल से बड़े बच्चों के साथ भी गार्जियन या उसके किसी परिचित का मौजूद रहना जरूरी होगा। बाल कलाकारों से एक दिन में सिर्फ एक ही शिफ्ट में काम करवाया जा सकेगा। साथ ही हर तीन घंटे के बाद उन्हें ब्रेक देना पड़ेगा।
फीस का एक हिस्सा बैंक में जमा रहेगा
बाल कलाकारों को मिलने वाली फीस का कम से कम 20 प्रतिशत हिस्सा किसी नेशनलाइज्ड बैंक में फिक्स्ड डिपोजिट के तौर पर जमा करना होगा। यह उसे वयस्क होने पर मिल सकेगा। हालांकि अगर उसकी भूमिका सिर्फ एक्सट्रा या बैकग्राउंड आर्टिस्ट की हुई तो यह नियम लागू नहीं होगा।
टीवी, फिल्म और सोशल मीडिया सभी पर लागू होगी
यह गाइडलाइन फिल्म, विज्ञापन, टीवी, रीयलिटी शो, ओटीटी प्लेटफार्म, न्यूज और सोशल मीडिया के लिए कंटेंट तैयार करने आदि इस तरह के सभी कामों पर लागू होंगी। इसमें कहा गया है कि हर तरह के कमर्शियल एंटरटेनमेंट पर यह लागू होगी। हाल की कई स्टडीज में बताया गया है कि चाइल्ड आर्टिस्ट से 12 घंटे से ज्यादा का काम लिया जाता है।
चाइल्ड आर्टिस्ट संबंधी गाइडलाइन से क्या होगा बदलाव
इससे इन क्षेत्र में काम करने वाले सभी लोगों को आसानी से पता चल सकेगा कि बच्चों के अधिकार क्या हैं और उन्हें बाल कलाकारों के संबंध में क्या प्रक्रिया अपनानी है। साथ ही यह जानकारी भी होगी कि बच्चों के किसी अधिकार का उल्लंघन करने पर उन्हें क्या दंड झेलना पड़ सकता है। कानून का पालन करवाने वाली सभी एजेंसियों को भी इस संबंध में अपने काम का स्पष्ट रूप से पता होगा।
क्यों पड़ी नई गाइडलाइन की जरूरत
बच्चों के काम से संबंधी कई तरह के कानून और नियम उपलब्ध हैं, लेकिन वयस्कों के प्रभाव वाली मनोरंजन इंडस्ट्री में बाल कलाकारों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए कोई कारगर व्यवस्था नहीं थी। इससे पहले वर्ष 2011 में भी आयोग की ओर से एक गाइडलाइन तैयार की गई थी। मगर उसके बाद से बच्चों से संबंधित कानूनों में बहुत बदलाव आ गया है। साथ ही मनोरंजन उद्योग में आए बदलावों ने नई चुनौतियां पेश कर दी हैं। हाल में सोशल मीडिया के लिए कंटेंट तैयार करने के नाम पर बच्चों से अश्लील हरकतें करवाने का खूब सिलसिला शुरू हुआ है।