मीडिया रिपोर्ट के अनुसार देश में नया लेबर कोड को केंद्र सरकार 1 जुलाई से लागू कर सकती है, हालांकि सरकार की ओर से इस बारे में अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है और न ही कोई अधिसूचना जारी की गई है।
तीन शिफ्ट में काम को मिल सकती है मंजूरी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार देश में नया लेबर कोड लागू होने के बाद तीन शिफ्ट में काम को मंजूरी मिल सकती है, जिसमें काम के घंटे के हिसाब से हफ्ते में छुट्टी का निर्धारण होगा।
- रोजाना 12 घंटे काम करने वाले को व्यक्ति को मिलेगी 3 दिन की छुट्टी
-रोजाना 10 घंटे काम करने वाले को व्यक्ति को मिलेगी 2 दिन की छुट्टी
- रोजाना 8 घंटे काम करने वाले को व्यक्ति को मिलेगी 1 दिन की छुट्टी
रिटायरमेंट के बाद कटेगी सुकून की जिंदगी
नया लेबर कोड लागू होने के बाद कर्मचारियों की सैलरी स्ट्रक्चर में भी बदलाव हो सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बेसिक सैलरी कुल सैलरी का 50% से अधिक होना जरूरी होगा, जिसके बाद बेसिक सैलरी में भी इजाफा हो सकता है। वहीं पीएफ में पहले के मुकावले ज्यादा पैसे जमा हो सकते हैं, जिसके कारण रिटायरमेंट तक ज्यादा पैसा जमा हो सकता है। इसके साथ ही कंपनियों को भी अभी के मुकाबले पीएफ अकाउंट में ज्यादा पैसा जमा करना पड़ सकता है। इस कारण से रिटायरमेंट तक ज्यादा पैसा जमा हो जाएगा,जिसके कारण रिटायरमेंट के बाद सुकून की जिंदगी कटेगी।
इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड को भी मिल सकती है मंजूरी
इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड में कंपनियों को काफी छूट दी गई है। नया लेबर कोड लागू होने के बाद 300 से कम संख्या वाली कंपनियां सरकार की बिना किसी मंजूरी के छंटनी कर सकती हैं। 2019 के पुराने लेबर कोड में 100 संख्या वाली कंपनियों को यह छूट दी गई है।
इन देशों में पहले से लागू है ये नियम
स्पेन, जापान, न्यूजीलैंड, आयरलैंड, स्कॉटलैंड और आइसलैंड जैसे कई देशों में हफ्ते में 4 दिन काम करना पड़ता है। इसके साथ ही इन देशों में साप्ताहिक काम के घंटों में भी कमी की गई है।