ट्रेनों के संचालन को लेकर डीएमआरसी ने एक बयान जारी किया है। यह आधिकारिक बयान डीएमआरसी के एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर (कॉरपोरेट कम्युनिकेशन) अनुज दयाल की तरफ से जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि दिल्ली मेट्रो की येलो लाइन (हुडा सिटी सेंटर से समयपुर बादली) पर कर्फ्यू के दौरान 15 मिनट के अंतर पर ट्रेनों के फेरे लगेंगे। यानी कि दो ट्रेनों के बीच चलने का समय 15 मिनट होगा। 15 मिनट की फ्रीक्वेंसी का यह नियम ब्लू लाइन की मेट्रो के लिए भी होगा। द्वारका सेक्टर 21 से नोएडा इलेक्ट्रॉनिक सिटी या वैशाली लाइन को ब्लू लाइन कहा जाता है।
डीएमआरसी के एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर ने कहा:
ट्रेनों के संचालन को लेकर डीएमआरसी ने एक बयान जारी किया है। यह आधिकारिक बयान डीएमआरसी के एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर (कॉरपोरेट कम्युनिकेशन) अनुज दयाल की तरफ से जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि दिल्ली मेट्रो की येलो लाइन (हुडा सिटी सेंटर से समयपुर बादली) पर कर्फ्यू के दौरान 15 मिनट के अंतर पर ट्रेनों के फेरे लगेंगे। यानी कि दो ट्रेनों के बीच चलने का समय 15 मिनट होगा। 15 मिनट की फ्रीक्वेंसी का यह नियम ब्लू लाइन की मेट्रो के लिए भी होगा। द्वारका सेक्टर 21 से नोएडा इलेक्ट्रॉनिक सिटी या वैशाली लाइन को ब्लू लाइन कहा जाता है।
1. अभी हाल में दिल्ली सरकार की तरफ से ये निर्णय लिया गया है जिसमे मेट्रो को 100 फीसदी क्षमता के साथ चलने की अनुमति दे दी गई है।
2. डीएमआरसी के नए बयान के मुताबिक येलो और ब्लू लाइन पर हर 15 मिनट पर मेट्रो ट्रेन का फेरा लगेगा। बाकी लाइनों पर यह समय 20 मिनट का रखा गया है। अर्थात यात्रियों को ट्रेन के लिए स्टेशन पर 15-20 मिनट इंतजार करना होगा। बाकी दिनों में ट्रेनों की फ्रीक्वेंसी का समय कुछेक मिनट का होता है. इसलिए मेट्रो से यात्रा करनी है तो 15-20 मिनट की वेटिंग टाइम का जरूर खयाल रखें. 15-20 के अंतराल पर ही होगा मेट्रो ट्रेन मिला करेगी। यह नियम वीकेंड कर्फ्यू के लिए बनाया गया है।
3. वीकेंड कर्फ्यू के अलावा बाकी दिन जैसे कि सोमवार से शुक्रवार तक मेट्रो के फेरे वैसे ही लगेंगे, जैसे अमूमन दिनों में लगते हैं। दो दिन के लिए फेरे इसलिए घटाए गए हैं ताकि मेट्रो का इस्तेमाल कम हो और लोग बहुत जरूरी काम होने पर ही घरों से निकलें और मेट्रो जैसे सार्वजनिक साधन का इस्तेमाल करें। ये सभी कदम ओमिक्रॉन संक्रमण को कम करने के लिए उठाए जा रहे हैं।
4. सरकारी दिशा-निर्देश में मेट्रो के अंदर सफर करने का भी खास नियम बनाया गया है। एक मेट्रो कोच में 50 सीटें बैठने के लिए होती हैं। इसलिए मेट्रो स्टेशन के गेट भी उसी हिसाब से खोले जाएंगे ताकि स्टेशन पर और मेट्रो में भीड़ न बढ़े। यात्रा करने और मेट्रो के इंतजार के लिए यात्रियों को पर्याप्त समय लेकर चलने की सलाह दी गई है। कोच में किसी यात्री को खड़े होने की इजाजत नहीं होगी। सभी 50 सीटों पर यात्री बैठ सकेंगे।
5. दिल्ली मेट्रो ने कहा है कि वीकेंड पर मेट्रो की सवारी करने घर से निकलते हैं तो पूरा समय लेकर चलें। सरकार के दिशा-निर्देशों के पालन में मेट्रो स्टेशन के बाहर भीड़-भाड़ को देखते हुए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। इस तरह का अनाउंसमेंट मेट्रो स्टेशनों पर भी किया जाता है। जिन यात्रियों को बहुत जरूरी हो, उन्हें परिवहन के वैकल्पिक साधनों के इस्तेमाल की सलाह दी जाती है। मेट्रो में बैठने की क्षमता के हिसाब से ही यात्रियों को अंदर जाने की इजाजत दी जाएगी।
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