सीतारमण ने क्या कहा?
दरअसल, सीतारमण और राज्य मंत्रियों की बैठक में इस बात पर निर्णय लेने की उम्मीद थी कि स्वास्थ्य बीमा पर कर का बोझ मौजूदा 18% से कम किया जाए या वरिष्ठ नागरिकों जैसे कुछ श्रेणियों के व्यक्तियों को छूट दी जाए। हालांकि, घोषणा को अगली बैठक तक टाल दिया गया है। सीतारमण ने कहा, “परिषद ने महसूस किया कि इन मुद्दों पर जल्दी से विचार करने के लिए एक मंत्री समूह का गठन करना उचित हो सकता है और नवंबर जीएसटी परिषद इस पर निर्णय ले सकती है।” उन्होंने कहा कि कई रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन ने पूछा है कि क्या वे ग्रुप कवरेज के लिए साइन अप करते हैं, और हमें जीवन बीमा और टर्म इंश्योरेंस पर विचार-विमर्श करने की आवश्यकता है। दरों को तर्कसंगत बनाने के लिए गठित मंत्रिसमूह ने अब तक जो कुछ हुआ है उसका विवरण प्रस्तुत किया और 23 सितंबर को बैठक बुलाई है। रियल एस्टेट पर गठित मंत्रिसमूह ने भी अपनी स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत की। इसके बाद कैसीनो, ऑनलाइन गेमिंग और हॉर्स रेसिंग जीएसटी लेवी पर स्थिति भी परिषद के समक्ष प्रस्तुत की गई।
राहुल गांधी ने किया था प्रदर्शन
बता दें कि हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम भुगतान पर से जीएसटी हटाने की मांग को लेकर बैनर-पोस्टर के साथ संसद परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में नेता विपक्ष राहुल गांधी, शरद पवार समेत संसद के दोनों सदनों में विपक्षी दलों के सांसद शामिल हुए. वहीं इसके समर्थन में परिवहन मंत्री नीतिन गड़करी भी थे। उन्होंने भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिख कर हेल्थ इंश्योरेंस पर लगने वाले जीएसटी हटाने की मांगी की थी।