कश्मीर के लोगों ने गैर स्थानीय छात्रों की हमेशा अपने बच्चों की तरह से देखभाल की। ऐसे में कोई भी यह कैसे कह सकता है कि गैर-स्थानीय बच्चे यहाँ सुरक्षित नहीं हैं। खान ने आरोप लगाया कि गृह मंत्रालय की ओर से अनावश्यक हस्तक्षेप के कारण यह मुद्दा विवादास्पद बन गया है। इसे सरकार ने एक गंभीर मामले के रूप में पेश किया है जबकि इसे एक घंटे के भीतर सौहार्दपूर्ण तरीके से हल किया जा सकता था।
उन्होंने कहा कि हम सरकार से अपील करते है कि वह हमें संस्थान के भीतर जाकर छात्रों के दोनों गुटों से मिलने की अनुमति दे और यह मामला जल्दी ही सुलझा लिया जायेगा। उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर इस कॉलेज को कश्मीर घाटी से बाहर स्थानांतरित करने की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसा कभी नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब केंद्र सरकार सुरक्षा बलों द्वारा निर्दोष कश्मीरी छात्रों की हत्या पर चुप रही तो एक प्रशासनिक मसले पर इतनी हाय-तौबा क्यों मचा रही है।