पीएम मोदी ने इस बैठक के दौरान कहा, ‘कोरोना महमारी के दौरान भारत का संघीय ढांचा और शीकारी संघवाद दुनिया भर में एक मॉडल बनकर उभरा है। भारत ने दुनिया के विकासशील देशों को एक शक्तिशाली संदेश दिया कि संसाधनों की सीमाओं के बावजूद चुनौतियों से पार पाना संभव है।’
पीएम ने 2023 में भारत के G20 प्रेसीडेंसी के बारे में भी बात की और इसे दुनिया को ये दिखाने का एक अनूठा अवसर बताया कि भारत केवल दिल्ली नहीं है – ये देश का हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश है।
NEP 2020, G20 पर हुई चर्चा
नीति आयोग के सीईओ परमेश्वरन अय्यर ने भी बैठक से जुड़ी जानकारी साझा की। उन्होंने कहा, “नीति आयोग की बैठक में हुई चर्चा Productive रही। जहां सीएम और LG ने अपने राज्यों से जुड़ी अहम जानकारियां साझा कीं। NEP 2020, जी20 और एक्सपोर्ट के महत्व पर खास चर्चा की गई।”
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2047 के विजन पर हुई चर्चानीति आयोग के वाइस चेयरमैन सुमन बेरी ने कहा, ‘पीएम मोदी ने कोरोना के बाद भारत में क्या स्थिति होगी और उससे जुड़ी आगे की रणनीति पर चर्चा की और कुछ महत्वपूर्ण निर्देश भी जारी किये। उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि कैसे केंद्र व राज्य सरकार ने मिलकर कोरोना की स्थिति से लड़ने में एक दूसरे का सहयोग दिया। इसके साथ ही वर्ष 2047 के लिए भारत का लक्ष्य क्या होगा इसपर खास चर्चा हुई।’
वहीं, नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने कहा, ‘NEP पर एक मजबूत सहमति है। लगभग सभी मुख्यमंत्रियों ने एक के बाद एक इस संबंध में अपने द्वारा उठाए गए कदमों का उल्लेख किया। इसे बढ़ावा देने के लिए विभिन्न राज्यों में कई प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं। ये भविष्य में काफी परिवर्तनकारी साबित होने वाला है।’
कृषि क्षेत्र में आत्म निर्भर बनने पर जोर
नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने जानकारी दी कि ‘पिछले 5-6 वर्षों के डाटा को देखें तो दालों के उत्पादन में वृद्धि हुई है। हम कुछ दालों का निर्यात और आयात भी कर रहे हैं।केवल मसूर और अरहर की दालों में कमी है। इन दोनों दालों में भारत की आत्मनिर्भरता अन्य दालों की तुलना में कम है।’
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उन्होंने आगे जानकारी दी कि ‘पीएम मोदी ने कृषि विविधीकरण (क्रॉप डायवर्सिफिकेशन) के महत्व पर जोर दिया और एडिबल ऑयल में आत्मनिर्भर होने की बात कही ताकि कुल डिमांड को पूरा किया जा सके। इस मुद्दे ओर सभी राज्यों ने पूरा सहयोग किया और कहा कि वो इस दिशा में काम करेंगे।’बता दें इस बैठक का मुख्य एजेंडा में मुद्दे शामिल रहे:
(i) फसल विविधीकरण और दलहन, तिलहन और अन्य कृषि-वस्तुओं में आत्मनिर्भरता प्राप्त करना;
(ii) स्कूली शिक्षा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) का कार्यान्वयन;
(iii) उच्च शिक्षा में NEP का कार्यान्वयन
(iv) शहरी शासन