कार को देखने के लिए लोगों में उत्साह
पहली हाईड्रोजन कार से जैसे ही केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी संसद भवन पहुंचे तो कार को देखने को लिए लोगों में खासी उत्सुकता दिखी। संसद के कर्मचारियों से लेकर नेताओं तक हर कोई इस नए ईंधन की कार के बारे में जानना चाहता था।
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देश में पेट्रेल और डीजल के रेट लगातार बढ़ रहे हैं। कुछ शहरों में पेट्रोल की कीमतें 100 रुपए प्रति लीटर के पार हैं। ऐसे में लोग पेट्रोल और डीजल के विकल्प के रूप में सीएनजी जैसे ईंधन पर भरोसा कर रहे हैं। इस बीच देश में हाइड्रोजन कार भी सामने आ गई है।
हाइड्रोजन कार से संसद पहुंचे नितिन गडकरी ने कहा, आत्मनिर्भर बनने की दिशा में हमने ग्रीन हाइड्रोजन को प्रस्तुत किया है, जो कि पानी से मिलती है। यह कार पायलट प्रोजेक्ट है। अब ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन देश में किया जाएगा। इससे रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।
3000 करोड़ रुपए का मिशन
नितिन गडकरी ने बताया कि, हाईड्रोजन कार के लिए सरकार ने 3000 करोड़ रुपए का मिशन तय किया है। जल्द ही भारत ग्रीन हाइड्रोजन का निर्यात भी करेगा।
इन जगहों पर भी मिलेगा फायदा
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि, जहां भी कोयला इस्तेमाल हो रहा है, वहां ग्रीन हाइड्रोजन इस्तेमाल होगी। ऐसे में कोयले की निर्भरता भी कम होगी और इससे बिजली उत्पादन में भी बड़ा फायदा होगा।
लोगों में दिखा जबरदस्त उत्साह
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी जब हाइड्रोजन कार से संसद भवन पहुंचे तो लोगों के लिए एक नया अनुभव था। संसद भवन के कर्मचारी इस कार को देखने पहुंच गए।
सांसदों ने इस कार की तारीफ की। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने इस कार को नितिन गडकरी के साथ देखा तो वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस कार के बारे में पूछे जाने पर मुस्कराए। सांसदों का कहना था कि, केंद्रीय मंत्री जब इस तरीके की कार से आए हैं तो लोगों का मनोबल जरूर बढ़ेगा. वैकल्पिक ईंधन के लिए लोग प्रोत्साहित होंगे।
भविष्य हैं हाइड्रोजन कार
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी खुद अपने भाषणों में ये कह चुके हैं कि आने वाला वक्त पारंपरिक ईंधनों के विकल्प का है। यानी हाइड्रोजन कार भारत का भविष्य है। आत्मनिर्भर भारत बनने की दिशा में यह बड़ा कदम है।
1.5 रुपए प्रति किमी आएगा खर्च
बता दें कि हाइड्रोजन तीन प्रकार के होते हैं, यह ग्रीन हाइड्रोजन है और इसकी कीमत डेढ़ रुपए प्रति किलोमीटर आएगी। इसका जापानी नाम मेराई है। जल्दी यह गाड़ी भारत में आएगी और इसके फिलिंग स्टेशन भारत में लगाए जाएंगे।
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