हड़ताल पर जा सकती हैं देश भर की मंडियां खुदरा कारोबारियों के राष्ट्रीय संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने इस पर अमल टालने का अनुरोध किया है। ग्रेन राइस एंड ऑयल सीड्स मर्चेंट एसोसिएशन (ग्रोमा) ने इसे तुगलकी फरमान करार दिया है। ग्रोमा अध्यक्ष (नवी मुंबई) शरद कुमार मारू ने कहा कि हम इसे नहीं मानेंगे। इसके खिलाफ देश की 6,500 से ज्यादा मंडियों में हड़ताल हो सकती है। इस दिशा में देश भर के व्यापारी मंथन कर रहे हैं।
पीएम मोदी से हस्तक्षेप की मांग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हस्तक्षेप करना चाहिए। पीएम ने भरोसा दिया था कि चावल, दाल, आटा, दूध-दही आदि पर जीएसटी नहीं लगेगा। मारू ने कहा कि महंगाई ने पहले से आटा गीला कर रखा है। एक किलो पर एक रुपए की वृद्धि भी आम लोगों के लिए भारी पड़ती है। जीएसटी लगा तो अनब्रांडेड पैक्ड खाद्य जिंसों के भाव दो से तीन रुपए बढ़ सकते हैं।
टैक्स फ्री होना चाहिए रोटी-कपड़ा-मकान कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी. भरतिया ने कहा कि हर महीने जीएसटी संग्रह बढ़ रहा है। जून में रेकॉर्ड वसूली हुई है। जीएसटी कानून की समीक्षा कर विसंगतियां दूर करनी चाहिए। रोटी-कपड़ा-मकान आम लोगों की बुनियादी जरूरतें हैं। इन तीनों को टैक्स फ्री करना चाहिए।