scriptबम-गोले ही नहीं हाथ-पैर से भी दुश्मनों को मात देगी इंडियन आर्मी, मिक्स्ड मार्शल आर्ट के गुर सीखेंगे जवान | Now Mixed Martial Arts to be part of army's Training | Patrika News

बम-गोले ही नहीं हाथ-पैर से भी दुश्मनों को मात देगी इंडियन आर्मी, मिक्स्ड मार्शल आर्ट के गुर सीखेंगे जवान

locationनई दिल्लीPublished: Jan 14, 2023 12:43:01 pm

Submitted by:

Prabhanshu Ranjan

Mixed Martial Arts in Army Training: आर्मी मार्शल आर्ट्स रूटीन ( AMAR) नामक ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू हो गया है। पुणे के आर्मी इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल कैंप में सेना के 99 जवानों ने इसे पूरा कर लिया है। इस ट्रेनिंग प्रोग्राम से भारतीय जवानों को हथियार के बिना भी लड़ना सिखाया जा रहा है।
 

army_traning_mixed_marital_art.jpg

Now Mixed Martial Arts to be part of army’s Training

Mixed Martial Arts in Army Training: भारतीय सेना के जवानों को और दक्ष बनाने की पहल तेज हो गई है। अत्याधुनिक हथियार के साथ-साथ अब इंडियन आर्मी के जवान हाथ-पैर से भी दुश्मनों के दांत खट्टे करेंगे। दरअसल भारतीय सेना की ट्रेनिंग में अब मिक्स्ड मार्शट आर्ट को भी शामिल किया जा रहा है। इससे भारतीय सेना के जवान फिल्मों में दिखाए जाने वाले कमांडो की तरह जूडो-कराटे में दक्ष होकर ज्यादा मारक साबित होंगे। भारतीय सेना ने आर्मी मार्शल आर्ट्स रूटीन ( AMAR) नामक ट्रेनिंग को शुरू कर दिया है। इस ट्रेनिंग प्रोग्राम के बारे में सेना ने कहा कि आर्मी मार्शल आर्ट्स रूटीन में भारतीय मार्शल आर्ट के अलग-अलग फॉर्म की अच्छी चीजों को जोड़ा गया है। इस गुर को सीखकर जवान और दक्ष होंगे। इससे भारत-चीन सीमा पर होने वाले झड़पों में भारतीय जवान और अधिक भारी पड़ेंगे।


पुणे में 99 प्रशिक्षकों के पहले बैच ने पूरी की ट्रेनिंग

सेना की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार एएमएआर के 99 प्रशिक्षकों के पहले बैच ने पुणे स्थित आर्मी इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल ट्रेनिंग में पांच सप्ताह का प्रशिक्षण पूरा कर लिया है। इस ट्रेनिंग प्रोग्राम की घोषणा सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने की थी। उन्होंने बताया था कि आर्मी मार्शल आर्ट्स रूटीन सैनिकों को न केवल शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक रूप से भी मदद करेगा।


700 प्रशिक्षक सेना के जवानों को करेंगे दक्ष

आर्मी मार्शल आर्ट्स रूटीन के बारे में सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एएमएआर की ट्रेनिंग के लिए 700 प्रशिक्षक तैयार किए जाएंगे। जो बाद में सेना के अन्य जवानों को एएमएआर के गुर को सिखाएंगे। मिली जानकारी के अनुसार प्रशिक्षित अधिकारी प्रशिक्षण अकादमियों और सैन्य रेजिमेंटों में अन्य जवानों के लिए पढ़ाएंगे।

https://twitter.com/hashtag/AMAR?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw


हथियारों के बिना लड़ने के लिए भी रहना होगा तैयार


सेना के अधिकारी ने बताया कि सैनिकों को युद्ध लड़ाई के सभी बुनियादी कौशलों के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है, जो अक्सर आश्चर्य और चुनौतियों का सामना कर सकते हैं। इसमें युद्ध के अलावा पारंपरिक, गैर-पारंपरिक और सैन्य अभियानों में गैर-गतिशील साधन जैसे हाथ से हाथ का मुकाबला करना शामिल है। उन्होंने बताया कि मुक्केबाजी और कुश्ती सेना में प्रमुख खेल हैं। कुछ रेजिमेंटों के पास मार्शल आर्ट का एडिशन भी है।


पहले से ही कई रेजिमेंट अलग-अलग मार्शट आर्ट फॉर्म में दक्ष


मद्रास रेजिमेंट के सैनिक केरल की प्राचीन मार्शल आर्ट कलारीपयट्टू में निपुण होते है। इसी तरह, सिख सैनिकों के पास गतका और गोरखा रेजिमेंट के जवान खुखरी अभ्यास में दक्ष होते है। ऐसे ही अन्य भारतीय मार्शट आर्ट से सेना के लिए उपयोगी चीजों को निकाल कर एएमएआर ट्रेनिंग सेशन को तैयार किया गया है। इसका लक्ष्य भारतीय सैनिकों के युद्ध कौशल को बढ़ाना है।

 
https://twitter.com/hashtag/AMAR?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw


भारत-चीन की सेना के बीच हो चुके कई झड़प


मालूम हो कि पड़ोसी देशों से जुड़ी सीमा पर कई बार ऐसी परिस्थिति बनती है जब भारतीय जवानों को हथियार के बदले दुश्मनों का जवाब हाथ-पैर से देना होता है। भारत-चीन सीमा पर भारतीय जवानों के चीनी सैनिकों के साथ हुई भिड़त के कई वीडियो सामने आ चुके हैं। गलवान घाटी में हुए झड़प में भी ऐसी ही स्थिति बनी थी। ऐसे में मार्शल आर्ट से दक्ष होकर भारतीय जवान दुश्मन देश के सैनिकों पर और भारी पड़ेंगे।

यह भी पढ़ें – भारी बर्फबारी में भी देश की पहरेदारी, वीडियो में देंखे भारतीय जवानों की चौकसी

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो