भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अधिकारी बताते हैं कि इस एक्सप्रेसव के लिए 155 रुपये की ही दर तय की गई थी। वह तो बीच में एक ओवरब्रीज का काम पूरा नहीं हुआ था, इसलिए सिर्फ 140 रुपये वसूले जा रहे थे।
ह्ल्के व्यावसायिक वाहनों के लिए अब टोल 250 रुपये होगा जो पहले 230 रुपये था। बस-ट्रक को 525 रुपये और भारी व्यावसायिक वाहनों को 825 रुपये देने होंगे। सात या ज्यादा एक्सेल वाली गाड़ियों को 1005 रुपये प्रति फेरे देने होंगे।
उम्मीद है कि सालाना इस रोड पर टोल से 111 करोड़ रुपये वसूले जा सकेंगे। इस एक्सप्रेसवे पर टोल वसूली का काम पूरी तरह से ऑटोमैटिक कर दिया गया है। इस पर प्रवेश करते ही आपकी गाड़ी की नंबर प्लेट को ऑटोमैटिक रीडर से दर्ज कर लिया जाता है। इसी तरह एक्जिट गेट पर गाड़ी के फास्टैग से टोल की रकम काट ली जाती है। फास्टैग FASTAG चार्ज नहीं होने पर दुगनी रकम वसूली जाती है।
इस एक्सप्रेसवे ने दिल्ली से मेरठ तक जाने वाले लोगों की समस्या को दूर कर दिया है। पहले जहां इस सफर में दो घंटे का समय लगता था अब यह एक घंटे में पूरा हो जाता है। पीएम मोदी ने 2018 में सराय काले खां से यूपी गेट तक के इसके 9 किलोमीटर के हिस्से का उद्घाटन करते हुए रोड शो किया था। उन्होंने इसे देश की तरक्की की तस्वीर बताया था। यह देश का पहला 14 लेन का एक्सप्रेसव बताया गया था। हालांकि इसका कुछ हिस्सा ही 14 लेन का है।