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NSA डोभाल की मौजूदगी में बोले मुस्लिम धर्मगुरु- ‘सर तन से जुदा’ हमारा नारा नहीं, PFI पर प्रतिबंध की बनी सहमति

locationनई दिल्लीPublished: Jul 30, 2022 08:36:19 pm

Submitted by:

Prabhanshu Ranjan

राजधानी दिल्ली में आज राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की मौजूदगी में एक इंटरफेथ सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में भारत में धार्मिक उन्माद की भावना को बढ़ाने वाले संगठनों पर लगाम लगाने का संकल्प लिया गया।
 

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NSA Doval in Interfaith Conference Muslim Religious Leader Said

PFI Row: अखिल भारतीय सूफी सज्जादनाशिन परिषद की ओर से आज दिल्ली में एक इंटरफेथ सम्मलेन का आयोजन किया गया। इस इंटरफेथ सम्मलेन में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल भी मौजूद थे। अजीत डोभाल की मौजूदगी में हुए इस सम्मलेन को देश में हाल के दिनों में बढ़े धार्मिक उन्माद पर लगाम लगाने की एक कवायद के रूप में देखा गया। इस सम्मलेन के आयोजक अखिल भारतीय सूफी सज्जादनाशिन परिषद के अध्यक्ष और मुस्लिम धर्मगुरु हजरत सैयद नसरुद्दीन चिश्ती ने साफ कहा कि ‘सर तन से जुदा’ जैसे नारे इस्लाम विरोधी हैं। तालिबान का विचार है, इसका मुकाबला बंद कमरों के बजाय जमीन पर किया जाना चाहिए। चाहे वह PFI हो या अन्य संगठन, भारत सरकार को उन पर प्रतिबंध लगाना चाहिए।

NSA अजीत डोभाल की उपस्थिति में अंतरधार्मिक संवाद में सर्वसम्मति से एक संकल्प भी लिया गया। इसके अनुसार पीएफआई और ऐसे किसी भी अन्य संस्था जो देश-विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं और हमारे नागरिकों के बीच कलह पैदा कर रहे हैं, उन्हें प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। उन पर देश के कानून के अनुसार उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए।

 

चर्चा या बहस में देवी-देवता या पैंगबर को निशाना बनाने की निंदा-
इंटरफेथ डायलॉग में सर्वसम्मति से यह संकल्प लिया गया कि अगर किसी भी व्यक्ति या संगठन के खिलाफ किसी भी माध्यम से समुदायों के बीच नफरत फैलाने के सबूत मिलते हैं, तो उस पर कानून के प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई की जानी चाहिए। साथ ही किसी के द्वारा चर्चा या बहस में किसी भी देवी, देवताओं या पैगंबरों को निशाना बनाने की निंदा की जानी चाहिए और कानून के अनुसार निपटा जाना चाहिए।

सबूत मिलते ही कट्टरपंथी संगठनों को किया जाए प्रतिबंधित-
इंटरफेथ डायलॉग के दौरान मौजूद हजरत सैयद नसरुद्दीन चिश्ती ने NSA डोभाल के सामने कहा कि जब कोई घटना होती है तो हम निंदा करते हैं। यह कुछ करने का समय है। कट्टरपंथी संगठनों पर लगाम लगाने और प्रतिबंधित करने के लिए समय की आवश्यकता है। चाहे वह कोई भी कट्टरपंथी संगठन हो, अगर उनके खिलाफ सबूत हैं तो उन्हें प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।

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मतभेदों को जमीनी स्तर से ही करना होगा खत्म-
इस सम्मेलन के दौरान यह कहा गया कि मूकदर्शक बने रहने के बजाय हमें अपनी आवाज को मजबूत करने के साथ-साथ अपने मतभेदों पर जमीनी स्तर से ही खत्म करना होगा। हमें भारत के हर संप्रदाय को यह महसूस कराना है कि हम एक साथ एक देश हैं। हमें इस पर गर्व है और यह कि हर धर्म यहां आजादी का इजहार कर सकता है। देश की एकता को एक साथ बनाए रखना जरूरी है। चंद लोग जो धर्म या विचारधारा के नाम पर लोगों में हिंसा या संघर्ष पैदा करने की कोशिश करते हैं उसका प्रभाव पूरे देश पर होता है। इसपर लगाम लगना जरूरी है।

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