देश के उत्तर-पूर्वी इलाकों में सेना पर हुए कर्इ हमलों का खापलांग मास्टरमाइंड रहा है। मणिपुर में चार जून 2015 में सेना के जवानों पर घात लगाकर किए गए हमले में भी खापलांग की भूमिका रही है। इसमें 18 सैनिक मारे गए थे। आधिकारिक सूत्रों ने बताया है कि खापलांग का निधन दिल का दौरा पड़ने से हुआ। सुरक्षाबलों पर हमलों से लेकर जबरन वसूली तक कर्इ एेसी गतिविधियां रही हैं जिनमें खापलांग गुट लिप्त रहा है।
एसएस खापलांग का जन्म 1940 में म्यामांर के पंगसाउ के वखथम गांव में हुआ था। जानकारी के मुताबिक कचिन के मैतिकीना में बापटिस्ट मिशन स्कूल ज्वाइन किया। इससे पहले असम के मार्गेरीटा स्कूल से पढ़ार्इ की। उनके तीन बेटे आैर एक बेटी है। हालांकि उनके परिवार का उग्रवाद से कोर्इ संबंध नहीं होना बताया जाता है।
द्वितीय विश्वयुद्घ जैसी घटनाआें से प्रभावित होकर खापलांग ने 1964 में नागा डिफेंस फोर्स में शामिल हुआ आैर करीब 50 सालों तक विद्रोहियों का नेता रहा। बाद में खापलांग ने र्इस्टर्न नागा रेवल्यूशनरी काउंसिल बनाया आैर खुद चेयरमैन बना।