‘कवच’ की खासियतें जानें
1. कवच की वजह से दो ट्रेनें टकराएंगी नहीं।
2. डिजिटल सिस्टम को रेड सिग्नल या मैन्युअल गलती पर ट्रेनें खुद ब खुद रुक जाएंगी।
3. टक्कर की आशंका 0 फीसदी।
4. कवच दुनिया की सबसे सस्ती स्वचालित ट्रेन टक्कर सुरक्षा प्रणाली
5. 50 लाख रुपए प्रति किमी खर्च, अन्य देश में दो करोड़ रुपए किमी लागत।
6. आमने-सामने की टक्कर, पीछे से टक्कर, खतरे का संकेत मिलने पर करती है काम।
7. कवच प्रणाली में उच्च आवृत्ति के रेडियो संचार का उपयोग।
8. कवच एंटी कोलिजन डिवाइस नेटवर्क है, यह रेडियो कम्युनिकेशन, माइक्रोप्रोसेसर, ग्लोबर पोजिशनिंग सिस्टम तकनीक पर आधारित।
9. कवच है एसआईएल-4 (सुरक्षा मानक स्तर चार) के अनुरूप।
10. कवच को दिल्ली-मुंबई और दिल्ली हावड़ा रेल मार्ग पर भी लगाने की योजना।
11. पहले चरण में 2,000 किमी रेल नेटवर्क पर होगा काम।
12. सिकंदराबाद हुआ कवच का टेस्ट।
कवच एक टक्कर रोधी तकनीक
रेलवे ने कवच को साल 2020 में नेशनल ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम के तौर पर अपनाया था। कवच एक SIL-4 प्रमाणित टेक्नोलॉजी है। यह सेफ्टी का हाइएस्ट लेवल है। रेलवे का दावा है कि यह तकनीकी माइक्रो प्रोसेसर, ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम और रेडियो संचार के माध्यमों से जुड़ी रहती है।
क्या है कवच सिस्टम?
रेलवे का दावा है कि अगर एक ही ट्रैक पर दो ट्रेनें आमने सामने हों तो कवच टेक्नोलॉजी ट्रेन की स्पीड कम कर इंजन में ब्रेक लगाती है। इससे दोनों ट्रेनें आपस में टकराने से बच जाएंगी।
कोरोमंडल एक्सप्रेस में कवच सिस्टम था या नहीं
सरकार ने वर्ष 2012 में इस सिस्टम को विकसित करने की प्रक्रिया शुरू की थी और इसका ट्रायल 2014 में शुरू हुआ था। सवाल यह है कि क्या कोरोमंडल एक्सप्रेस में यह सिस्टम फिट था या नहीं? अगर था तो कवच ने काम नहीं किया। अगर नहीं था तो इतनी अहम ट्रेन में अब तक इसे क्यों नहीं लगाया गया है। यह देश की एक बेहतरीन ट्रेन है। इस हादसे ने ट्रेनों की सेफ्टी पर सवाल पैदा कर दिए हैं।
ओडिशा के बालेश्वर में दर्दनाक रेल दुर्घटना
ओडिशा के बालेश्वर जिले में दर्दनाक रेल दुर्घटना हुई। मिली जानकारी के अनुसार, बाहानगा स्टेशन के निकट शुक्रवार शाम करीब 7.20 मिनट पर तीन ट्रेनें दुर्घटनाग्रस्त हो गई हैं। जिसमें 238 लोगों की मौत हो गई, जबकि 900 लोग घायल हो गए। बताया जा रहा है कि बेंगलुरु से हावड़ा जा रही एक्सप्रेस के साथ कोरोमंडल एक्सप्रेस की टक्कर हुई। पहले कोरोमंडल एक्सप्रेस बेपटरी हुई थी, जिससे बेंगलुरु हावड़ा एक्सप्रेस की टक्कर हुई। फिर मालगाड़ी से टकराने से यह हादसा हुआ। यह भी पढ़ें – जानें अब तक देश में कितनी ट्रेन दुर्घटना हुईं
काश वाकई ऐसा कवच वास्तव में होता – कांग्रेस प्रवक्ता बी श्रीनिवास
कांग्रेस प्रवक्ता बी श्रीनिवास ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का एक पुराना वीडियो शेयर किया है। जिसमें रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव हादसों को रोकने के लिए कवच सुरक्षा के बारे में बता रहे हैं। कांग्रेस प्रवक्ता बी श्रीनिवास ने ओडिशा ट्रेन हादसे के बाद इस दावे पर सवाल उठाते हुए ट्वीट किया कि काश वाकई ऐसा कवच वास्तव में होता।
जासूसी वाले सॉफ्टवेयर पर खर्च कर रही करोड़ों रुपए – TMC नेता अभिषेक बनर्जी
ओडिशा के पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल से तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी ने ट्रेन हादसे पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से इस्तीफे की मांग की है। अभिषेक बनर्जी ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार इस तरह के ट्रेन हादसों को रोकने के लिए टक्कर रोधी उपकरण लगाने के बजाए विपक्षी नेताओं की जासूसी करने के लिए सॉफ्टवेयर पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। यह सरासर लोगों के जान से खिलवाड़ है। पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार सिर्फ डींगे हांकती है। जिससे कुछ होने जाने को नहीं हैं।
रेल हादसों पर रेल मंत्री इस्तीफा दें – NCP नेता अजीत पवार
NCP नेता अजीत पवार ने कहा, यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है, रेल विभाग को इसकी जांच कर जो दोषी हैं उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। रेलवे को यात्रियों की जान को अहमियत देनी चाहिए। पहले रेल मंत्री ऐसे रेल हादसों पर इस्तीफा दे देते थे, लेकिन अब कोई बोलने को तैयार नहीं।
पहली हमारी प्राथमिकता घायलों की मदद करना है – केंद्रीय रेल राज्य मंत्री
केंद्रीय रेल राज्य मंत्री रावसाहेब पाटिल दानवे ने कहा, हमारी पहली प्राथमिकता घायलों को अस्पताल में भर्ती कराना है…यह हादसा मानवीय गलती से हुआ है या तकनीकी कारण से हुआ है इसके लिए हाई लेवल जांच कमेटी का गठन किया गया है।