समिति ने अपनी जांच में पाया कि एनडीटीवी ने पठानकोट में वायुसेना बेस पर आतंकी हमले के दौरान महत्वपूर्ण संवेदनशील सूचनाओं का प्रसारण किया था। साथ ही समिति ने कहा है कि चैनल ने गोला-बारूद रखे जाने के सही स्थान के साथ ही इस बात का भी खुलासा कर दिया था कि आतंकी किस स्थान पर छिपे हैं, कहां स्कूल है और कहां रिहायशी इलाका है।
इस मामले में चैनल को जनवरी में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। जवाब में चैनल ने कहा था कि यह सिर्फ व्यक्तिपरक व्याख्या का मामला है और उसने जिन सूचनाओं का प्रसारण किया था वह पहले से ही प्रिंट, इलेक्ट्रिॉनिक और सोशल मीडिया के जरिए सार्वजनिक हो चुके थे।
समिति की सिफारिश पर मंत्रालय ने केबल टीवी नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम के तहत अपनी शक्तियों का उपयोग करते हुए पूरे देश में एक दिन के लिए चैनल के प्रसारण पर प्रतिबंध लगा दिया है। आदेश में चैनल को 9 नवंबर 2016 से 10 नवंबर तक प्रसारण बंद रखने को कहा गया है। आतंकी हमले की कवरेज के मामले में किसी चैनल के खिलाफ की गई यह अपनी तरह की पहली कार्रवाई है।
समिति का मानना है कि इस तरह की संवेदनशील जानकारियों का लाभ उठाकर आतंकी सिर्फ राष्ट्रीय सुरक्षा ही नहीं, बल्कि नागरिकों और जवानों की जान को भी क्षति पहुंचा सकते हैं। बताया जा रहा है कि जनवरी में आतंकी हमले के दौरान चैनल ने एयरबेस में गोला-बारूद के भंडारण की जानकारी के साथ ही मिग, लड़ाकू विमानों, रॉकेट लॉचर, मोर्टार, हेलीकॉप्टर और फ्यूल टैंक आदि की जानकारी का प्रसारण किया था।