केरल भवन में आयोजित एक शोक सभा में कुरियन और एंटनी ने अस्पताल के डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों के आचरण की विस्तृत जांच की मांग की है। शोक सभा में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता डी राजा, एन प्रमचंद्रन और केरल के कई सांसद मौजूद थे।
अहमद को 31 जनवरी को राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान दिल का दौरा पडऩे के बाद राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डाक्टरों ने बुधवार की तड़के उन्हें मृत घोषित किया था।
एंटनी ने कहा, ‘ हमें रिपोर्ट मिली है कि अहमद का निधन 31 जनवरी को ही दोपहर बाद एक बजे हो गया था लेकिन यह खबर अस्पताल से बाहर नहीं आने दी गयी। ‘
चेन्निथल्ला ने केंद्र सरकार पर बजट पेश करने के लिए अहमद के निधन की सच्चाई छिपाने का संदेह जताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से पूरे मामले की विस्तृत जांच कराने की मांग की है ताकि दोषियों को सजा दिलायी जा सके।
चेन्निथल्ला ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर पूर्व विदेश राज्य मंत्री अहमद के निधन के रहस्य से पर्दा हटाने के लिए मामले की समग्र जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यदि बजट एक दिन टल जाता तो आसमान नहीं गिर जाता।
कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि राममनोहर लोहिया अस्पताल प्रशासन ने अहमद के स्वास्थ्य पर कोई बुलेटिन क्यों नहीं जारी किया। उन्होंने पूर्व मंत्री के इलाज में लापरवाही बरते जाने का भी आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें गहन जांच कक्ष से ट्रामा सेंटर में स्थानान्तरित किया गया था लेकिन वहां ड्यूटी पर सिर्फ पीजी छात्र थे।
कांग्रेस नेता ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से भी स्पष्टीकरण की मांग की है। उन्होंने बताया कि पूर्व मंत्री को देखने गए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी को अस्पताल प्रशासन ने बताया कि इसकी अनुमति के लिए अधिकृत अधिकारी मौजूद नहीं है। दोनों नेताओं को करीब ढाई घंटे तक इंतजार कराया गया।
अहमद की डाक्टर बेटी और दामाद को भी पिता से मिलने नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि केरल के कद्दावर नेता अहमद के साथ जिस तरह का अमानवीय बर्ताव किया गया उससे राज्य की जनता आहत है। इस बीच आरएमएल अस्पताल प्रशासन ने जारी विज्ञप्ति में कहा था कि अहमद का इलाज विशेषज्ञ डाक्टरों की टीम ने किया था।