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गुजरात में BJP को बड़ा झटका, कांग्रेस व आदिवासियों के लगातार विरोध के बाद पार-तापी नर्मदा रिवर लिंक प्रोजेक्ट रद्द

locationनई दिल्लीPublished: May 21, 2022 06:25:38 pm

Submitted by:

Prabhanshu Ranjan

कांग्रेस और आदिवासियों के भारी विरोध के बाद गुजरात सरकार पार-तापी नर्मदा रिवर लिंक प्रोजेक्ट को रद्द करने की घोषणा कर दी है। कांग्रेस और आदिवासी सरकार की इस घोषणा को अपनी जीत बता रहे हैं।

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Par Tapi Narnada Link Adivasi Protest (File photo)

गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा सरकार को एक बड़ा झटका लगा है। राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस और आदिवासियों के भारी विरोध के कारण राज्य सरकार को अपने महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट से कदम पीछे खींचना पड़ा है। दरअसल राज्य सरकार ने पार-तापी नर्मदा रिवर लिंक प्रोजेक्ट को रद्द कर दिया है। कुछ दिनों पहले तक भाजपा सरकार इस प्रोजेक्ट को राज्य की एक अहम योजना के रूप में चिह्नित कर रही थी। लेकिन आदिवासियों के लगातार विरोध और कांग्रेस की मांग के बाद उन्होंने इसे रद्द कर दिया है।

बता दें कि दक्षिणी गुजरात के जिलों के आदिवासी समुदाय इस परियोजना की लगातार विरोध कर रहे थे। कांग्रेस ने इस परियोजना को आदिवासियों के हितों के विरुद्ध करार देते हुए पूरी तरह रद्द किए जाने की मांग की थी। मुख्य विपक्षी पार्टी ने यह भी कहा कि इस परियोजना को रद्द किए जाने तक वह अपना आंदोलन जारी रखेगी।

बीते दिनों कांग्रेस प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य शक्ति सिंह गोहिल ने कहा था कि कांग्रेस विकास के खिलाफ नहीं है, लेकिन चंद पूंजीपतियों का फायदा पहुंचाने के लिए हजारों आदिवासी परिवारों को नुकसान पहुंचाने की कोई बात करेगा तो उसका हम पुरजोर विरोध करेंगे।

राज्य के कांग्रेस नेताओं ने बताया कि गुजरात में पार-तापी नर्मदा लिंक परियोजना के खिलाफ आदिवासी नेताओं ने आंदोलन चलाया। जब भाजपा को लगा कि आगामी विधानसभा चुनाव में नुकसान हो जाएगा तो फिर इसे स्थगित करने की घोषणा की गई। हालांकि तब यह घोषणा सरकार ने नहीं बल्कि गुजरात प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल ने की थी।

हालांकि इस प्रोजेक्ट पर चल रहे भारी विरोध के बाद आज सूरत में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इसे रद्द करने की घोषणा की। दो माह पहले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने इसे स्थगित करने की घोषणा की थी। इसि योजना के विरोध में कांग्रेस विधायक अनंत पटेल ने कहा कि इस परियोजना को रद्द करने के लिए सरकार को श्वेत पत्र लाना चाहिए।

चुनाव से पहले इस योजना को रद्द किया जाना कांग्रेस अपनी जीत बता रही है। हालांकि जानकारों का कहना है कि इस योजना को रद्द कर भाजपा ने बड़ा मास्टरस्ट्रोक चला है। जिसका फायदा चुनाव के दौरान आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में उसे मिलेगा।

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