सोमवार को सुबह 11 बजे लोक सभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया। इस पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि, वो गरिमा से सदन चलाना चाहते हैं और इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही को शाम 4 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। वहीं उच्च सदन राज्य सभा की कार्यवाही को भी दोपहर बाद 2 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा।
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने सोमवार को राहुल गांधी की अयोग्यता के खिलाफ लोकसभा में स्थगन नोटिस पेश किया। नोटिस में कहा गया है, यह सदन राहुल गांधी की अयोग्यता पर चर्चा करने के लिए शून्यकाल और दिन के अन्य कार्यों को निलंबित करता है। सदन की सदस्यता से राहुल गांधी की अयोग्यता एक जल्दबाजी और गलत निर्णय था और भारत के संविधान के प्रावधानों के अनुरूप नहीं था। संविधान का अनुच्छेद 102 (1) (ई) कहता है कि एक व्यक्ति को संसद के किसी भी सदन के सदस्य के रूप में चुने जाने और होने के लिए अयोग्य घोषित किया जाएगा यदि वह संसद द्वारा बनाए गए किसी भी कानून द्वारा या उसके तहत अयोग्य है।
तमिलनाडु के विरुधनगर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले कांग्रेस के लोकसभा सांसद मणिकम टैगोर ने रविवार को इस्तीफा देने का संकेत दिया। उन्होंने कहा कि वह अपने नेता राहुल गांधी को अयोग्य घोषित किए जाने से बाद निराश हैं। टैगोर ने ट्विटर पर लिखा, माननीय अध्यक्ष ने मेरे नेता राहुल गांधी को लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया। 2009 में मुझे लोकसभा में प्रवेश करने का अवसर देने वाले राहुल गांधी अब खुद वहां नहीं रहेंगे, तो मेरा वहां होना गलत है। उनके साथ हुए अन्याय से मैं आहत हूं। टैगोर को राहुल गांधी का करीबी कहा जाता है। वह गोवा के पार्टी प्रभारी हैं।
अदाणी समूह के मुद्दे पर विपक्षी सांसदों ने काले कपड़े पहनकर संसद में गांधी प्रतिमा के पास विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी भी प्रदर्शन में शामिल हुईं।
गुजरात की एक अदालत द्वारा मानहानि के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद राहुल गांधी को लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। गुजरात की सूरत जिला अदालत ने 23 मार्च को राहुल गांधी को 2019 में उनकी कथित मोदी सरनेम टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि के मामले में दोषी ठहराया था।