NATGRID आतंकवाद, आर्थिक अपराध जैसी घटनाओं की जानकारी को एक डाटा के रूप में रखेगा। इससे संदिग्धों को आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा कि वो कहाँ है और आतंकी हमलों को आसानी से रोका जा सकेगा। इसको लेकर ये भी दावा किया गया है कि इससे इमिग्रेशन, बैंकिंग, हवाई और रेल यात्रा और भी ज्यादा सुरक्षित हो जाएंगे।
ये कैसे करेगा काम?
NATGRID की जब शुरुआत की जाएगी तब 10 यूजर एजेंसी और 21 सर्विस प्रोवाइडर्स को इससे जोड़ने की योजना है। इसके बाद के चरणों में लगभग 950 संगठनों को इससे जोड़ने की योजना है। NATGRID के डाटा में इमिग्रेशन, बैंकिंगम वित्तीय लेनदेन, टेलीकम्युनिकेशंस जैसी जानकारियाँ शामिल होंगी। इसके लिए आयकर विभाग NATGRID के तहत 10 जांच और खुफिया एजेंसियों के साथ पैन और बैंक से जुड़ी जानकारी को साझा करेगा।
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