सीमा जैसा ही एक और मामला जम्मू कश्मीर से सामने आया है। जहां 14 साल का एक बच्चा एक पैर से कूदते हुए रोज दो किलोमीटर चलकर अपने स्कूल तक पहुंचता है। इस बच्चे का नाम परवेज अहमद है। परवेज कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के नौगाम मावर गांव का रहने वाला है। उसका गांव पहाड़ों से घिरा है। यूं तो ऐसे ही पहाड़ी इलाकों में चलना मुश्किल है, उसपर एक पैर नहीं होना और बड़ी मुसीबत है।
2009 में हुए एक हादसे में काटना पड़ा था पैर-
लेकिन इसके बाद भी परवेज पूरे हौसले के साथ अपनी पढ़ाई में जुटा है। हालांकि अभी तक उसे कोई सरकारी मदद नहीं मिली है। परवेज के पिता गुलाम अहमद हजाम ने बताया कि 2009 में एक हादसे में परवेज का एक पैर बुरी तरह से जल गया था। इस हादसे के बाद लंबे समय तक इलाज से उसकी जान को बच गई। लेकिन एक पैर काटना पड़ा। जिसके बाद से परवेज एक पैर से ही अपना सभी काम कर रहा है।
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व्हील चेयर मिला पर पहाड़ी रास्तों पर चलाना मुश्किल-
परवेज के पिता ने बताया कि कक्षा पांच तक तो परवेज गांव की स्कूल में ही पढ़ता था। तब स्कूल पास होने के कारण ज्यादा परेशानी नहीं होती थी। लेकिन कक्षा 5 के बाद उन्हें अपने घर से 2 किलोमीटर दूर स्थित एक स्कूल में जाना पड़ता है। कल्याण विभाग की ओर से उसे एक व्हील चेयर दी गई है। लेकिन पड़ाही इलाका होने के कारण इसका उसे कोई विशेष लाभ नहीं मिल रहा।
पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद में भी परवेज बेहतर-
परवेज के पिता गुलाम अहमद मजदूर हैं। बड़ी मुश्किल से अपने परिवार का खर्च भरने के बच्चों को पढ़ा रहे हैं। वो बताते हैं कि परवेज न केवल पढ़ाई में बल्कि वाद-विवाद और अन्य गतिविधियों में भाग लेता रहता है। शारीरिक रूप से कमजोर होने के बावजूद बहुत अच्छा क्रिकेट खेलता है। परवेज के पिता के साथ-साथ उसे जानने वाले अन्य लोगों ने परवेज के लिए आर्टिफिशल पैर की मांग की है।