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‘आप’ का पलटवार, ‘भाजपा के लिए काम कर रहे हैं प्रशांत भूषण’

Published: Nov 28, 2015 04:58:00 pm

Submitted by:

firoz shaifi

 जनलोकपाल बिल को जोकपाल बताने वाले प्रशांत भूषण पर आम आदमी पार्टी ने
पलटवार किया है। आप ने भूषण पर भाजपा के लिए काम करने का आरोप लगाया है।

 जनलोकपाल बिल को जोकपाल बताने वाले प्रशांत भूषण पर आम आदमी पार्टी ने पलटवार किया है। आप ने भूषण पर भाजपा के लिए काम करने का आरोप लगाया है।

आप नेता राघव चड्ढा ने मीडिया से बातचीत में भूषण के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि दिल्ली चुनाव से पहले भूषण परिवार ने सार्वजनिक तौर पर आप को चुनाव हराने के प्रयास किए थे। यह प्रशांत भूषण की प्रेस कांफ्रेंस नहीं थी बल्कि भाजपा की थी।

हर कोई अरुण जेटली के साथ उनके संबंधों को जानता है। भाजपा उनकी निष्ठा को तोल रही है। अगर उन्हें जल्दी ही इसके लिए पुरस्कृत किया गया तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं होगा। उन्होंने कहा कि यह वही जनलोकपाल बिल है, जो आंदोलन से निकलकर आया था।

उन्होंने कहा कि भूषण जब पार्टी के साथ थे तब उन्होंने खुद इस विधेयक का समर्थन किया था। क्या आज वह सिर्फ विरोध के लिए विरोध कर रहे हैं। वह जनलोकपाल विधेयक पर जनता को गुमराह कर रहे हैं। ये पूर्ण रूप से वही विधेयक है, जो रामलीला मैदान में पारित हुआ था।

‘आप’ के नेता कुमार विश्वास ने भूषण के आरोपों को नकारते हुए ट्वीट किया कि हम पूरी तरह उस लोकपाल के प्रति समर्पित हैं जिसका प्रारूप रामलीला मैदान में तैयार किया गया था।

इसमें एक कोमा या फुल स्टॉप भी नहीं बदला गया है। अगर इसमें बेहतरी का कोई गुंजाइश है तो दिल्ली विधानसभा में चुने हुए प्रतिनिधि इस पर व्यापक चर्चा करेंगे।पार्टी के एक अन्य नेता दिलीप पांडे ने ट्वीट किया कि ऐसा लग रहा है जनलोकपाल की भ्रूण हत्या की कोशिश कर प्रशांत भूषण भाजपा के साथ खड़े हो गए।

गौरतलब है कि पूर्व आप नेता प्रशांत भूषण ने दिल्ली सरकार के जनलोकपाल विधेयक को ‘जोकपालÓ करार देते हुए मुख्यमंत्री अरङ्क्षवद केजरीवाल का इस्तीफा मांगा जबकि आप ने उन पर पलटवार करते हुए भाजपा के लिए काम करने का आरोप लगाया। भूषण ने संवाददाताओं से कहा कि उन्हें दिल्ली लोकपाल विधेयक को देखकर हैरानी हुई।

इसका मसौदा उस जनलोकपाल विधेयक से अलग है जिसका मसौदा अन्ना हजारे के नेतृत्व में भ्रष्टाचार निरोधक आंदोलन के दौरान तैयार किया गया था। उन्होंने कहा कि दिल्ली लोकपाल विधेयक उन सभी सिद्धांतों को ध्वस्त करता है जिसका मसौदा हमने तैयार किया था जैसे नियुक्ति एवं पद से हटाना सरकार के अधीन न हो।
prashant bhushan
उल्लेखनीय है कि केजरीवाल मंत्रिमंडल ने हाल में लोकपाल विधेयक को मंजूरी दी थी और सोमवार को इसे विधानसभा में पेश किये जाने की संभावना है।



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