लॉन्ग कोविड से परेशान मरीज
अध्ययन के नतीजों से पता चला कि कोरोना से उबरने वाले लोगों में लॉन्ग कोविड की समस्या भयावह रूप लेती जा रही है, इससे उनकी कार्यक्षमता काफी प्रभावित हुई है। दरअसल, लॉन्ग कोविड उस स्थिति को कहते हैं जब आपकी कोरोना रिपोर्ट तो निगेटिव आ जाती है, लेकिन अभी तक कोरोना के लक्षण हैं या फिर आप अच्छा महसूस नहीं कर रहे हैं। मेडिकल भाषा में इसे पोस्ट एक्यूट कोविड-19 सिंड्रोम भी कहा जाता है।
नतीजों में पता चला कि कोरोना से ठीक होने के साल भर बाद भी 82 प्रतिशत लोगों में शारीरिक थकान की समस्या सामने आई। वहीं 67 प्रतिशत ऐसे थे जिन्हें ब्रेन फॉग की दिक्कत का सामना करना पड़ा। 60 प्रतिशत लोग ऐसे थे जिन्हें सिरदर्द की परेशानी आज भी रहती है। 59 फीसदी लोगों को नींद ना आने की समस्या यानी अनिद्रा और 54 प्रतिशत लोगों को एक साल तक नियमित रूप से चक्कर आने की समस्या रही।
रिसर्च के मुताबिक अस्पताल में भर्ती होने वाले कोविड के मरीज ठीक होने के साल भर बाद भी फुलटाइम काम करने में खुद को कमजोर पाते हैं। अध्ययन में बताया गया कि कोरोना से ठीक हो चुके लोगों में इसका असर एक साल तक देखने को मिलता है। बता दें कि यह अध्ययन मार्च 2020 से मार्च 2021 के बीच किया गया है। नतीजों के मुताबिक कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी पूरी तरह स्वस्थ्य होने में करीब एक साल का समय लगता है।