योगी ने कहा कि सुरक्षा सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। इसमें सबका सहयोग जरुरी है। सफाईकर्मियों को मिला पाउडर पहले सामान्य लगा। लगा कि कोई सामान्य रसायन है, लेकिन जांच के बाद मिले लैब की रिपोर्ट से पता चला कि यह शक्तिशाली विस्फोटक पीईटीएन है। मात्रा तो केवल 150 ग्राम थी लेकिन इसके विस्फोट से बडा नुकसान हो सकता था। पूरे विधानभवन को उड़ाने के लिए 500 ग्राम यह विस्फोटक पर्याप्त है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सवाल यह उठता है कि आखिर वे कौन लोग हैं जिन्होंने इसे यहां तक पहुंचाया। जनप्रतिनिधियों के विशेषाधिकार हैं तो क्या उन्हें सुरक्षा में छूट दे देंगे। यह खतरनाक प्रवृत्ति है। खतरनाक स्थिति पैदा हो गयी है। विधानभवन के कर्मियों का पुलिस वैरीफिकेशन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो भी विधानभवन के अन्दर आये उसकी गहन तलाशी होनी चाहिए। वह जब पहली बार विधान भवन आए तो उन्हें अचरज लगा क्योंकि विधानसभा के सदस्यों से ज्यादा अन्य लोग इधर -उधर घूम रहे थे। किसी को सुरक्षा के साथ खिलवाड करने की छूट नहीं दी जा सकती।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अजीब बात है कि आतंकी हमले होने की स्थिति में ‘क्वीक रेस्पांस टीम’ नहीं है। हम अपनी सुरक्षा को लेकर ही लापरवाह थे। बिना पास के प्रवेश हर हाल में बंद होना चाहिए। शरारती तत्व इस स्तर पर उतर आए हैं जिसे कभी सोचा नहीं जा सकता। सुरक्षा के सख्त निर्देश होने चाहिए। उन्होंने कहा कि पांच सौ जनप्रतिनिधियों और वर्षों से काम कर रहे विधान भवन के कर्मियों की सुरक्षा में सेंध लगाने की छूट नहीं दी जा सकती। विस्फोटक सामान्य नहीं था क्योंकि बम निरोधक दस्ते के साथ चलने वाला कुत्ता भी इसे सूंघकर पता नहीं लगा पाया था।
योगी ने कहा कि सुरक्षा में सेंध लगाने की कोशिश करने वालों को ‘एक्सपोज’ किया ही जाना चाहिए। सुरक्षा की गाइड लाइन तय होनी चाहिए। उन्होंने विधायकों से सदन के अन्दर मोबाइल फोन नहीं लाने का आग्रह किया। विधानसभा अध्यक्ष से उन्होंने सदस्यों के लिए भी सदन के बाहर बैग रखने का स्थान सुनिश्चित करने का आग्रह किया। उनका कहना था कि सदस्यों को केवल नोटबुक लेकर सदन में आना चाहिए। उन्होंने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था को गंभीर चुनौती दी गर्इ है इसलिए सभी को इसके खिलाफ मिलकर खड़ा होना होगा। साजिश करने वाले के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित करने का भी उन्होंने सुझाव दिया और कहा कि साजिश करने वाले शरारती तत्वों को बेनकाब कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।