फाइजर ने बताया कि इसके लिए उसने एक समझौता किया है। बता दें कि कंपनी ने कहा था कि अगर यह दवा ट्रायल और नियामक अनुमोदन में खरी उतरती है तो बेहद कम कीमत पर दुनयिा के बड़े हिस्से खासकर कम और मध्यम आय वर्ग के देशों को उपलब्ध हो सकेगी। कंपनी के अनुसार, उसके इस कदम से दवा दुनिया की आधी आबादी के लिए उपलब्ध हो सकती है।
वहीं स्वास्थ्य अधिकारियों का मानना है कि अगर फाइजर की इस दवा को दूसरी जगहों पर मंजूरी मिली तो यह कोरोना के खिलाफ जंग में एक बड़ा कदम होगा। ऐसे में देशों को कोरोना की दवा के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा। साथ ही पहले ही इस समझौते के होने से महामारी से जल्दी निजात पाई जा सकती है।