पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने यह कहकर अपनी आगे की योजना भी स्पष्ट कर दी है कि वह गैर कांग्रेसी आैर गैर भाजपार्इ दलों का हिस्सा हैं। सूत्रों के अनुसार ममता का शपथ ग्रहण समारोह कई गैर कांग्रेस और गैर भाजपा नेताओं का शक्ति प्रदर्शन हो सकता है। इस जमावड़े को कोलकाता से दिल्ली को एक मजबूत संदेश देने वाला भी माना जा रहा है।
बताया जा रहा है कि ममता बनर्जी की नीतीश कुमार, अरविन्द केजरीवाल और नवीन पटनायक से टेलीफोन पर लम्बी बात हुई है, जिसमें राष्ट्रीय राजनीति पर भी चर्चा किए जाने की अटकलें हैं।
उल्लेखनीय है कि ममता और केजरीवाल एक दूसरे का हमेशा समर्थन किया है और दोनों के राजनीतिक रिश्ते भी बहुत अच्छे रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार ओडिशा के मुख्यमंत्री पटनायक ने भी भाजपा से दूरी बनानी शुरू कर दी है। कांग्रेस से उनकी दूरी पहले से ही है। केजरीवाल पहले ही केंद्र सरकार पर आक्रामक तरीके से हमला करते रहे हैं। नीतीश ने भी कहा है कि ममता संघ मुक्त भारत के लिए चल रही लड़ाई का हिस्सा बनेंगी।
समारोह स्थल भी प्रभावशाली होगा
ममता का शपथग्रहण समारोह स्थल भी प्रभावशाली होगा। समारोह कोलकाता की रेड रोड पर होगा जिसे द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अंग्रेजों ने बनवाया था। नई विधानसभा की पहली बैठक 31 मई को होने की सम्भावना है।
ममता का शपथग्रहण समारोह स्थल भी प्रभावशाली होगा। समारोह कोलकाता की रेड रोड पर होगा जिसे द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अंग्रेजों ने बनवाया था। नई विधानसभा की पहली बैठक 31 मई को होने की सम्भावना है।