लांजी क्षेत्र के महाराष्ट्र सीमा पर बसे ग्राम कुलपा की बाघ नदी से रेत माफियाओं द्वारा जमकर अवैध उत्खनन किया जा रहा है।
बालाघाट. लांजी क्षेत्र के महाराष्ट्र सीमा पर बसे ग्राम कुलपा की बाघ नदी से रेत माफियाओं द्वारा जमकर अवैध उत्खनन किया जा रहा है। हजारों ट्रेक्टर ट्राली रेत डम्प कर टिप्परों में भरकर महाराष्ट्र परिवहन किया जा रहा है। इस बारे में संबंधित विभाग को शिकायत भी दी गई। लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा इस ओर
ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
जेसीबी मशीन से रेत का खननक्षेत्र से अवैध खनन का कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। जिससे बाघ नदी छलनी हो गई है। रेत माफियाओं के हौंसले इतने बुलंद है कि वे जेसीबी मशीन से रेत का खनन कर डम्पर व ट्रेक्टर ट्राली से परिवहन कर रहे है।
रेत घाट से खनन की अनुमति नहींकुलपा रेत घाट से विभाग द्वारा खनन की अनुमति नहीं है। लेकिन अवैध रूप से रेत का खनन कर महाराष्ट्र में परिवहन किया जा रहा है। कुलपा बाघनदी के मोहनटोला घाट पर स्टॉप डेम के ऊपर बड़े पैमाने पर खनन के कारोबार को अंजाम दिया जा रहा है। रेत घाट से रेत निकालकर नदी किनारे व नवाब के खंडहर बंगला के आस-पास व पहाड़ी के किनारे हजारों ट्राली रेत का डम्प किया गया है।
इनका कहना हैआपके द्वारा जानकारी प्राप्त हुई है। खनिज विभाग से चर्चा कर आवश्यक कार्रवाई की जावेगी।
मार्को, तहसीलदार लांजी
डॉ. मसराम को प्रभार सौंपे जाने जिपं. सदस्य पन्द्रे ने की मांग बालाघाट. चिकित्सा अधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बैहर को प्रभार नहीं सौंपे जाने के संबंध में जिला पंचायत सदस्य ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। इस संबंध में जिला पंचायत सदस्य दलसिंह पन्द्रे ने बताया कि प्रशासनिक कार्यसुविधा को दृष्टिगत रखते हुए चिकित्सा अधिकारी डॉ. हरीष मसराम को आदेशित किया गया। जिसमें आगामी आदेश तक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र परसवाड़ा के आहरण एवं संवितरण सहित खंड चिकित्सा अधिकारी परसवाड़ा का समस्त प्रभार सौंपा जाना आदेशित है। लेकिन आज तक खंड चिकित्सा अधिकारी परसवाड़ा द्वारा डॉ. हरीश मसराम को चिकित्सा अधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बैहर को प्रभार नहीं सौंपा गया है। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की है कि खंड चिकित्सा अधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र परसवाड़ा डॉ. वासु क्षत्रिय द्वारा डॉ. मसराम को प्रभार सौंपे जाने कार्रवाई की मांग की गई। उक्त कार्रवाई नहीं होने की स्थिति में पुन: भूख हड़ताल पर बैठने मजबूर होना पड़ेगा।