May Kalika Mata's blessings be upon all of us. Addressing a programme at Pavagadh Hill. https://t.co/poLpvqwmy2
— Narendra Modi (@narendramodi) June 18, 2022
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज सदियों बाद पावागढ़ मंदिर में एक बार फिर से मंदिर के शिखर पर ध्वज फहरा रहा है। ये शिखर ध्वज केवल हमारी आस्था और आध्यात्म का ही प्रतीक नहीं है। ये शिखर ध्वज इस बात का भी प्रतीक है कि सदियां बदलती हैं, युग बदलते हैं, लेकिन आस्था का शिखर हमेशा शाश्वत रहता है। आज भारत के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक गौरव पुनर्स्थापित हो रहे हैं। आज नया भारत अपनी आधुनिक आकांक्षाओं के साथ-साथ अपनी प्राचीन पहचान को भी जी रहा है।
राम मंदिर का भी किया जिक्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में बन रहे राम मंदिर का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आपने देखा होगा कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। काशी में विश्वनाथ धाम हो या मेरे केदारनाथ बाबा का धाम हो। आज भारत के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक गौरव पुनर्स्थापित हो रहे हैं। इसके लिए हर भारतीय गर्व कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि मैं मां काली के चरणों में नमन करते हुए आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
मां काली के चरणों में आकर क्या मांगू
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आज का यह अवसर सबका साथ, सबका विश्वास और सबके प्रयास का भी प्रतीक है। उन्होंने कहा कि मुझे मां काली की पूजा करने और ध्वजा रोहण करने का सौभान्य मिला। मां काली का दर्शन करते समय सौच रहा था कि आज मां काली के चरणों में आकर क्या मांगू, मां काली का आशीर्वाद लेकर इतिहास गवाह है स्वामी विवेकानंद जी मां काली का आशीर्वाद लेकर जन सेवा से प्रभु सेवा में लीन हो गए थे। मां मुझे भी आशीर्वाद कि मैं और अधिक ऊर्जा के साथ, और अधिक त्याग और समर्पण के साथ देश के जन-जन का सेवक बन कर उनकी सेवा करता रहूं। मेरे जीवन में जो भी कुछ पुन्य हैं वो मैं देश के समर्पित करता रहूं।
देश के सांस्कृतिक गौरव की ध्वजा
पावागढ़ कालिका मंदिर का लोकार्पण करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गुजरात ने जितना योगदान देश की आजादी में दिया है। उतना ही योगदान देश के विकाश में भी दिया है। गुजरात भारत के गर्व और शान का पर्याय है। भारत में सांस्कृतिक आजादी की शुरुआत गुजरात से ही सरदार पटेल की अगुआनी में हुई थी। आज जो ध्वजा फहराई गई है वो केवल कालिका माता मंदिर की ध्वजा नहीं है बल्कि गुजरात और देश के सांस्कृतिक गौरव की ध्वजा है।