सम्मेलन में चार श्रम संहिताओं के तहत नियम बनाने और उनके कार्यान्वयन के तौर-तरीकों पर चर्चा होना है। बताया जा रहा है कि ये सम्मेलन बेहतर नीतियां बनाने और श्रमिकों के कल्याण के लिए योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने में केंद्र और राज्य सरकारों के बीच और तालमेल बनाने में मदद करेगा।
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दरअसल केंद्र सरकार की ओर से 29 श्रम कानूनों के बदले इसे चार हिस्सों पारिश्रमिक संहिता, सामाजिक सुरक्षा संहिता, औद्योगिक संबंध संहिता, पेशागत सुरक्षा संहिता में विभाजित करने का फैसला किया है।
मिली जानकारी के मुताबिक, पारिश्रमिक संहिता को लेकर 31 राज्यों में, सामाजिक सुरक्षा संहिता पर 27 राज्यों, औद्योगिक संबंध संहिता पर 25 तो पेशागत सुरक्षा संहिता पर 24 राज्यों ने नए श्रम कानूनों के तहत अपना नियम तैयार कर लिया है।
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