पीएम मोदी ने कहा कि, शॉर्टकट अपनाने वालों को कुछ समय के लिए वाहवाही भले मिल जाए, राजनीतिक फायदा भले मिल जाए, लेकिन समाधान नहीं मिलता। शॉर्टकट अपनाने से शॉर्टसर्किट जरूर होता है। यही वजह है कि हमारी सरकार हमेशा परमानेंट सॉल्यूशन पर काम करती है। पराली को लेकर कई बार बातें हुईं, लेकिन सरकारें समाधान नहीं दे पाईं।
पीएम मोदी ने कहा- हमारे अन्नदाता जो मजबूरी में पराली जलाते थे, उन्हें भी अब गर्व होगा कि वो जैविक ईंधन के उत्पादन में भी मदद कर रहे हैं। राष्ट्र निर्माण में मदद कर रहे हैं। गाय भैसों से जो गोबर होता है, खेतों से जो कचरा निकलता है उसके निपटारे के लिए सरकार ने योजना चलाई है। गोवर्धन योजना के जरिए भी किसानों के आय बढ़ाने की कोशिश की जा रही है।
एथेनॉल प्लांट सेकेंड जेनरेशन पर आधारित है, जिसका किसानों को बड़ा फायदा हो सकता है। इससे कथित रूप से किसानों की आय में भी बढ़ोतरी होगी।
फसल काटने के बाद किसान जो पराली जलाते हैं, जिससे पर्यावरण दूषित होता है उसकी समस्या भी खत्म हो सकती है। यानी वायु प्रदूषण पर नियंत्रण में भी इस तरह के प्लांट से काफी मदद मिलेगी।
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पानीपत में स्थापित किए जाने वाले इथेनॉल प्लांट से पानीपत समेत कर्नाल, जीन्द, सोनीपत और कैथल तक के किसानों को लाभ मिलेगा।
– प्रोजेक्ट जीरो लिक्विड जिस्चार्ज होगा।
– पराली की समस्या को कम किए जाने के साथ-साथ इससे ग्रीनहाउस गैस को कम से कम प्रति वर्ष 3 लाख टन कार्बन डाय-ऑक्साइड को कम करने में भी मदद मिलेगी।
– आसान भाषा में समझें तो यह भारतीय सड़कों से 63,000 कारों को हटाने के बराबर है।
– किसान यहां आकर अपनी खेती के अपशिष्ट पदार्थों जिसमें खासतौर पर पराली को बेच सकेंगे।
– इसके लिए कर्नाल और पानीपत में 12 कलेक्शन सेंटर भी स्थापित किए जाएंगे, जिससे किसानों को आसानी होगी
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