क्या है इस योजना का उद्देश्य
केंद्र सरकारी की इस योजना के माध्यम से अनाथ बच्चों को शिक्षा के जरिए सशक्त बनाया जाएगा। इन बच्चों को 23 साल आर्थिक मदद से आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। इन बच्चों के माता-पिता की मृत्यु के कारण का उचित सत्यापन के बाद पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन पोर्टल पर विवरण अपलोड किया गया था। जिला बाल संरक्षण इकाइयों और नागरिक समाज के सदस्यों की सहायता से उपायुक्तों द्वारा बच्चों की पहचान की गई है।
इन बच्चों को मिलेगा योजना का लाभ
पीएम केयर फॉर चिल्ड्रन योजना लाखों बच्चों को भविष्य खराब होने से बच सकेगा। 11 मार्च 2020 से 28 फरवरी 2022 की अवधि के दौरान कोरोना के कारण अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों को इस योजना का लाभ मिलेगा। इस स्कीम का उद्देश्य बच्चों के रहने की व्यवस्था, शिक्षा और स्कॉलरशिप के जरिए सशक्त बनाया जाएगा।
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पीएम केयर फॉर चिल्ड्रन योजना फायदे
— कोरोना के कारण अनाथ हुए बच्चों को सरकार 18 साल की उम्र तक मासिक भत्ता (स्टाइपेंड) देगी।
— इस योजना के जरिए बच्चों के 23 साल के होने पर पीएम केयर्स फंड से 10 लाख रुपए की राशि एकमुश्त दी जाएगी।
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— कोरोना के दौरान जिन बच्चों के सिर से मां और बाप का साया उठ गया है उनको केंद्र सरकार की तरफ से निशुल्क शिक्षा प्रदान की जाएगी।
— इन बच्चों को हायर एजुकेशन के लिए लोन मिलेगा, जिसका ब्याज पीएम केयर्स फंड से दिया जाएगा।
— इन बच्चों को आयुष्मान भारत योजना के तहत 18 साल तक 5 लाख रुपए तक का हेल्थ इंश्योरेंस मिलेगा।
— 10 साल से छोटे बच्चों का नजदीकी सेंट्रल स्कूल या प्राइवेट स्कूल में भर्ती करवाया जाएगा।
— 11 से 18 वर्ष के बीच के बच्चों को सैनिक स्कूल और नवोदय विद्यालय जैसे केंद्र सरकार के किसी भी आवासीय स्कूल में भर्ती कराया जाएगा।
— बच्चे की फीस, स्कूल यूनिफॉर्म, किताब और कॉपियों के खर्च का भुगतान पीएम केयर्स फंड से किया जाएगा।