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आजादी के अमृत महोत्सव में देश ने जो संकल्प लिए हैं। उसमें से एक महत्वपूर्म संकल्प अमृत सरोवर के निर्माण से जुड़ा संकल्प। हर जिले में कम से कम 75हजार अमृत सरोवर का लक्ष्य लेकर देश आगे बढ़ रहा है। कुछ दिन पहले ही जम्मू-कश्मीर से इसकी शुरुआत की थी। आज असम में भी 2600 से भी ज्यादा अमृत सरोवर बनाने का काम शुरू हो रहा है। ये सरोवरों का निर्माण पूरी तरह जनभागीदारी पर आधारित है।
आपके सपने हमारा संकल्प बने, इस काम के लिए हम और आप दोनों मिलकर जुटे हैं। पूरा देश देख रहा है, बीते वर्षों में हिंसा, अराजकता जैसी समस्याओं का समाधान किस तरह किया जा रहा है। इस क्षेत्र में कभी हिंसा और बम और गोली की आवाज सुनाई देती थी। आज तालियां गूंज रही हैं। जयकारा हो रहा है।
आफस्पा हटाने की प्रयास तेज
लंबे समय तक आम फोर्सेस पावर एक्ट कई इलाकों में रहा है। बीते आठ वर्षों में स्थायी शांति और बेहतर कानून व्यवस्था लागू होने के कारण हमने आफ्सपा को कई क्षेत्रों से हटा दिया है। बीते 8 वर्षों में पूर्वोत्तर में हिंसा के मामलों में 75 फीसदी की कमी आई है।
पहले त्रिपुरा और मेघालय से अफस्पा को हटाया गया। पहले की सरकारें इसको लगातार आगे बढ़ाती रही। बीते वर्षों में हालात को ऐसे संभाला गया कि असम के 23 जिलों से आफस्पा हटा दिया गया है।
बीजेपी की डबल इंजन की सरकार जहां भी हो, वहां सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास इसी भावना से काम करते हैं। ये संकल्प कार्बी की धरती पर सशक्त हुआ है। असम की स्थायी शांति और तेज विकास के लिए जो समझौता हुआ था, उसको आज जमीन पर उतारने का काम तेज गति से चल रहा है।
उस समझौते के तहत एक हजार करोड़ रुपए के अनेक प्रोजेक्ट का शिलान्यास आज यहां पर किया गया है।
डिग्री कॉलेज हो, वेटेरनरी कॉलेज हो, एग्रीलकल्चर से लेकर सभी संस्थान यहां के युवाओं को नए अवसर देने वाले हैं।
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