इस प्रजेक्ट का उद्देश्य क्या है?
इस प्रोजेक्ट के तहत रेल-आधारित रैपिड-ट्रांजिट सिस्टम के माध्यम से बेंगलुरु को उसके उपनगरों से जोड़ा जाएगा। ये सपना राज्य 1983 से ही देख रहा है जो अब साकार होगा। दरअसल, सबसे पहले 1983 में ही इस प्रोजेक्ट का प्रस्ताव रखा गया था जिसे वर्ष 2019 के रेल बजट में मंजूरी मिली थी।
ये बहुप्रतीक्षित प्रोजेक्ट 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है जोकि 15,767 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बनेगा। इस प्रोजेक्ट को "India’s most integrated rail project" कहा जा रहा है। रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कंपनी, कर्नाटक, (K-RIDE) कर्नाटक सरकार और रेल मंत्रालय का एक संयुक्त वेन्चर है जो इस रेल प्रोजेक्ट के कान्सेप्ट और उसके कार्यान्वयन को देखेगा।
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बेंगलुरू उपनगरीय रेल प्रोजेक्ट (Bengaluru Suburban Rail Project)बेंगलुरू उपनगरीय रेल प्रोजेक्ट बेंगलुरू को उसके सैटेलाइट टाउनशिप, उपनगरों और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से रेल-आधारित रैपिड-ट्रांजिट सिस्टम नेटवर्क से जोड़ेगा। उपनगरीय रेल नेटवर्क में 4 कॉरिडोर, 57 स्टेशन और 148.17 किलोमीटर की दूरी शामिल होगी। इसे 15,767 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा।
ये उपनगरीय रेल नेटवर्क सिस्टम 6 दिशाओं से अपनी राजधानी से जुड़ेगी जिसमें केंगेरी (मैसुरु की ओर), चिक्काबनवरा (तुमकुरु की ओर), राजनुकुंटे (डोड्डाबल्लापुरा की ओर), देवनहल्ली (कोलार की ओर), व्हाइटफील्ड (बंगारापेट की ओर), और Heelalige शामिल हैं।