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मिसाइल की अलग-अलग रेंज की परख करने के लिए इसका दोबारा परीक्षण किया गया है। दरअसल 150-500 किलोमीटर तक इसकी मारक क्षमता है, लिहाजा इसके कई बार टेस्ट किए जाने हैं, ताकि अलग-अलग रेंच पर इसकी जांच की जा सके। अधिकारियों को मुताबिक दूसरी बार भी प्रलय मिसाइल अपने तमाम कसौटियों पर खरी उतरी है।
जमीन से जमीन पर मार करने के लिए बनाई गई प्रलय (Pralay) शॉर्ट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल है। डीआरडीओ ने इसे पृथ्वी मिसाइल प्रणाली (Prithvi Missile Sytem) पर बनाया है। अपने दोनों ही परीक्षणों के दौरान मिसाइल ने सभी तय मानकों को पूरा किया।
ये है मिसाइल की खूबियां
प्रलय (Pralay) मिसाइल को विकसित करने की अनुमति मार्च 2015 में दी गई थी. तब इसके लिए 332.88 करोड़ रुपये का बजट सेंक्शन किया गया था। प्रलय अपने नाम के मुताबिक दुश्न को तबाह करने की ताकत रखती है। बॉर्डर के पास से अगर इसे दाग दिया जाए तो दुश्मन के बंकरों, तोपों से लेकर बेस आदि को खत्म करने में प्रलय पलक झपकते ही अपना असर दिखाने में सक्षम है।
यह मिसाइल 5 टन वजनी है। इसमें 500 से 1000 किलोग्राम तक के पांरपरिक हथियार लगाए जा सकते हैं। यह इनर्शियल गाइंडेंस सिस्टम पर चलने वाली मिसाइल है। सॉलिड प्रोपेलेंट फ्यूल है। बता दें कि यह भारत की तीन शॉर्ट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल की तकनीक से मिलकर बन सकती है। ये हैं – प्रहार, पृथ्वी-2 और पृथ्वी-3 मिसाइल।