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#IFR पर आतंकी हमले का खतरा, हिस्सा लेने पहुंचे राष्ट्रपति और PM मोदी  

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बंगाल की खाड़ी में अंतरराष्ट्रीय बेड़ा समीक्षा में भारतीय नौसेना के जहाजी बेड़े का मुआयना किया और इसकी समुद्री ताकत तथा सामर्थ की झलक देखी। 

Feb 06, 2016 / 12:08 pm

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बंगाल की खाड़ी में अंतरराष्ट्रीय बेड़ा समीक्षा में भारतीय नौसेना के जहाजी बेड़े का मुआयना किया और इसकी समुद्री ताकत तथा सामर्थ की झलक देखी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में हुए शक्ति प्रदर्शन में अमेरिका, चीन, फ्रांस और जापान जैसे शक्तिशाली देशों सहित 50 से भी अधिक नौसेनाओं ने हिस्सा लिया। वहीं इस आयोजन पर आतंकी हमला होने का भी खतरा है। नेवी के एक अफसर के मुताबिक, ऐसे इवेंट को एक्सप्लोसिव्स से लदी छोटी बोट से आतंकी निशाना बना सकते हैं।

भारतीय नौसेना ने अपने इतिहास में दूसरी बार अंतरराष्ट्रीय बेड़ा समीक्षा (आईएफआर) का आयोजन किया है। इससे पहले वर्ष 2001 में मुंबई में आईएफआर का आयोजन किया गया था। भारतीय नौसेना का पहला बेडा निरीक्षण वर्ष 1953 में हुआ था और अब तक दस निरीक्षण हो चुके है तथा यह 11वां बेड़ा निरीक्षण है। 


राष्ट्रपति को गार्ड ऑफ ऑनर
भारतीय नौसेना के प्रमुख पोत आईएनएस सुमित्रा पर सवार तीनों सेनाओं के सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति प्रणब  मुखर्जी को जहाजी बेड़े की ओर से 21 तोपों की सलामी दी गई। मुखर्जी के साथ पीएम मोदी, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और तीनों सेनाओं के प्रमुख भी आईएनएस सुमित्रा पर मौजूद थे। इसके साथ ही कई केन्द्रीय मंत्री, दस राज्यों के मुख्यमंत्री और तीनों सेनाओं के रिटायर्ड चीफ भी मौजूद रहे। 

भारत और विदेशों के 100 पोतों ने भाग लिया
प्रत्येक राष्ट्रपति अपने कार्यकाल में एक बार जहाजी बेड़े की समीक्षा करता है। समीक्षा में भारत के सभी प्रमुख पोतों सहित दोनों विमानवाहक पोत आईएनएस विराट और आईएनएस विक्रमादित्य भी शामिल रहे। भारत के पूर्वी तट पर पहली बार आईएफआर का आयोजन किया गया है। इसमें 36 देशों के युद्धपोतों, 24 देशों के नौसेना प्रमुख और अन्य के प्रतिनिधिमंडल ने भाग लिया। भारत और विदेशों के 100 पोतों ने आईएफआर में भाग लिया। 

पाकिस्तान ने नहीं लिया आईएफआर में भाग
पचास नौसेनाओं के आईएफआर में भाग लेने से भारत के दुनिया में बढ़ते सामर्थ और दूसरे देशों की नौसेनाओं के साथ मित्रता तथा तालमेल का पता चलता है। इस आयोजन का सबसे बड़ा आकर्षण चीन की नौसेना है जो पहली बार भारतीय नौसेना के साथ शामिल हो रही है। इसमें चीन ने अपने दो युद्धपोत भेजे है। पाकिस्तान की नौसेना को भी निमंत्रण भेजा गया था लेकिन उसने इसमें भाग नहीं लिया। इसके अलावा भारत के सभी पड़ोसी देश आईएफआर में शामिल हुए। 

हर राष्ट्रपति के लिए 5 साल में एक बार आईएफआर
तीनों सेनाओं के सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति के लिए फ्लीट रिव्यू का आयोजन पांच साल में एक बार अवश्य होता है। अंतरराष्ट्रीय बेड़ा समीक्षा में पचास से अधिक देशों की नौसेनाएं हिस्सा ले रही है। अंतरराष्ट्रीय बेड़ा समीक्षा में इस बार भारतीय नौसेना के हेलिकाप्टरों, उन्नत जेट ट्रेनर, हॉक्स, सर्विलांस विमान पी81 समेत पनडुब्बियां का प्रदर्शन किया जायेगा। गौरतलब है कि इस बार अंतरराष्ट्रीय बेडा समीक्षा सोलह साल के बाद आयोजित हो रहा है। इससे पहले मुम्बई में 2001 में फ्लीट रिव्यू का आयोजन हुआ था, जिसमें 29 देशों ने हिस्सा लिया था।

आईएनएस विराट का अंतिम सफर
रिटायर होने जा रहे इंडियन नेवी के आईएनएस विराट का यह आखिरी सफर होगा। रिव्यू के दौरान सभी देशों की नेवी के अफसर बीच समुद्र में मैराथन मीटिंग करेंगे। आजादी के बाद से अब तक भारतीय नौसेना अपने सुप्रीम कमांडर के लिए 10 बार फ्लीट रिव्यू कर चुकी है। 1953 में पहली बार भारत ने फ्लीट रिव्यू किया था।



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