मुखर्जी ने कहा कि समावेशन समतामूलक समाज का आवश्यक आधार है। विकास में पिछड़ों और वंचितों की भागीदारी सुनिश्चित करना होगा। एक आधुनिक राष्ट्र का निर्माण सभी पंथ और धर्म के लिए समानता के भाव से होता है।
•Jul 24, 2017 / 09:29 pm•
Prashant Jha
Home / National News / राष्ट्रपति भवन से जाते-जाते सहिष्णुता की याद दिला गए प्रणब दा