सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस साल भारत में कई अहम बदलाव हुए है जैसे कि बजट सत्र को 28 फरवरी की जगह फरवरी की पहली तारीख से शुरू किया गया और स्वतंत्र भारत के इतिहास में संसद में पहला संयुक्त बजट पेश किया जिसमे रेल बजट को भी शामिल किया गया। राष्ट्रपति ने कहा कि वित्त वर्ष एक अप्रैल से 31 मार्च तक होता है और अब इसे जनवरी-दिसम्बर किए जाने के बारे में भी सोचा जा रहा है।
राष्ट्रपति मुखर्जी ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा लाया गया जीएसटी एक जुलाई से लागू हो जाएगा और इससे पूरा भारत एक समान कर प्रणाली के तहत आ जायेगा। उनका कहना कि वह शिक्षाविद् और आर्थिक सुधार-लागत की भूमिका और प्रबंधन लेखाकार विषय पर वैश्विक सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद काफी उत्साहित हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत विविधताओं से पूर्ण देश है जिसकी जनसंख्या 130 करोड़ है और जहां 200 भाषाएं लोगों द्बारा बोला जाता है। ये लोग सात प्रमुख धर्मों को मानने वाले हैं और तीन प्रमुख जातीय समूहों से संबंध रखते हैं तथा ये लोग एक व्यवस्था, एक झंड़े और एक संविधान के तहत रहते हैं।
उन्होंने कहा कि यहीं भारत का चरित्र है। हमें एकजुट होकर आगे बढ़ना होगा न कि अलग-अलग होकर। उन्होंने बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने की जरूरत पर बल दिया और ऐसे में जब नालंदा, तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालयों ने छात्रों और शिक्षकों का आकर्षित किया है तो प्राचीन भारत में प्रचलित उच्च शिक्षा प्रणाली की महिमा को पुनर्जीवित करने की जरूरत है।