scriptछोटे-छोटे सपनों के साथ पली जनजाति समाज की एक बेटी को राष्ट्रपति भवन जाने का रास्ता देना ही अन्त्योदय: द्रौपदी मुर्मू | NDA president candidate Draupadi Murmu in jaipur | Patrika News

छोटे-छोटे सपनों के साथ पली जनजाति समाज की एक बेटी को राष्ट्रपति भवन जाने का रास्ता देना ही अन्त्योदय: द्रौपदी मुर्मू

locationजयपुरPublished: Jul 13, 2022 06:03:54 pm

Submitted by:

rahul

एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू आज जयपुर आई। जयपुर एयरपोर्ट से लेकर कार्यक्रम स्थल तक कई किलोमीटर मानव श्रृंखला के रूप में 36 कौमों ने पलक पांवडे बिछाकर भव्य स्वागत किया।

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जयपुर। एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू आज जयपुर आई। जयपुर एयरपोर्ट से लेकर कार्यक्रम स्थल तक कई किलोमीटर मानव श्रृंखला के रूप में 36 कौमों ने पलक पांवडे बिछाकर भव्य स्वागत किया।

जयपुर एयरपोर्ट एवं कार्यक्रम स्थल पर द्रौपदी मुर्मू का भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचन्द कटारिया, प्रदेश संगठन महामंत्री चन्द्रशेखर, उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, अर्जुनराम मेघवाल, पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे, सांसद कनकमल कटारा, डॉ. किरोड़ीलाल मीणा, जसकौर मीणा, भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष जितेन्द्र मीणा सहित वरिष्ठ नेताओं ने स्वागत एवं अभिवादन किया।
द्रौपदी मुर्मू ने विधायकों और सांसदों से संवाद के दौरान सम्बोधित करते हुए कहा कि राजस्थान की वीर प्रसूता भूमि की वंदना एवं नमन करते हुए सभी प्रदेशवासियों को हृदयतल से नमस्कार करती हूँ। गुलाबी नगरी आना उतना ही सुखद है जितना अपनों के बीच अपने मन और दिल की बात कहना। ओडिशा में छोटे-छोटे सपनों के साथ पली-बढ़ी जनजाति समाज की एक बेटी को राष्ट्रपति भवन तक जाने का रास्ता दिया गया, यह लोकतांत्रिक स्वप्न है, यही अन्त्योदय है, यह गाँव, गरीब और जंगल की बेटी पर विश्वास जताना है।
मुर्मू ने कहा कि राजस्थान और ओडिशा में भौगोलिक परिस्थितियों में भिन्नता होने के बावजूद दोनों राज्यों में काफी समानताएं हैं, जिनमें प्रकृति के साथ जीना, राजस्थान के लोगों द्वारा जल को जीवन की भाँति संवारकर रखना, इसी प्रकार ओडिशा के लोगों को चक्रवाती तूफानों के बावजूद जिंदगी का पहिया नई उम्मीदों के साथ घूमाते रहना आता है। उन्होंने कहा कि जल, जंगल, जमीन और आदिवासी अब सुरक्षित एवं विकसित होती व्यवस्था के मुख्य भागीदार बन रहे हैं। पिछले कई वर्षों में वंचितों, शोषितों एवं आदिवासियों के जीवन में उन्नति के साथ बड़े बदलाव आये हैं।उन्होंने कहा कि विकास अब दूरस्थ क्षेत्रों तक बराबरी से पहुँच रहा है। स्वतंत्रता के बाद पहली बार आदिवासी समाज की एक बेटी को राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाना, जिसका सबसे जीवंत उदाहरण है, जो देश के सभी आदिवासी भाई-बहनों का सम्मान है।
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