शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि शरद पवार बहुत बड़े नेता है। इस देश के विरोधी दलों की जो राजनीति है उसके वे भीष्म पितामह हैं। अगर पवार साहब चुनाव लड़ने के लिए हां कहते तो इस चुनाव को एक बहुत बड़ा आयाम और प्रतिष्ठा मिल जाती। उन्होंने कहा कि लेकिन पवार साहब ने कुछ कारणों से कहा है कि मैं चुनाव नहीं लड़ सकता हूं। अगर कोई उनके कद का दूसरा उम्मीदवार हमें दिखता है तो उनको खड़ा करना पड़ेगा लेकिन सर्वसम्मति के नाम पर कोई नहीं चलेगा।
गौरतलब है कि शरद पवार से ममता बनर्जी सहित वामपंथी नेताओं ने अलग-अलग मुलाकात की थी। इन नेताओं ने एनसीपी चीफ से राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्षी दलों का संयुक्त उम्मीदवार बनने का अनुरोध किया था। लेकिन शरद पवार ने इसे खारिज कर दिया था। शरद पवार के मना करने के बाद अन्य नामों पर चर्चा शुरू है। दरअसल शरद पवार या कोई भी दिग्गत नेता ऐसे मुकाबले के लिए तैयार नहीं होगा जिसमें हार तय है। राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 18 जुलाई को होगा।
उल्लेखनीय है कि एनडीए की तरफ से भी अभी तक किसी उम्मीदवार का नाम राष्ट्रपति चुनाव के लिए फाइनल नहीं हुआ है। हालांकि इस बार एनडीए राष्ट्रपति चुनाव में रामनाथ कोविंद को दोहराएगा या फिर एक चौकानेंवाला नाम घोषित करेगा इसपर सभी की नजरें टिकी हुई है। खबरें हैं कि कर्नाटक के राज्यपाल थावर चंद गहलोत के नाम पर भी चर्चा हो रही है जो कि एक दलित नेता भी हैं। जबकि तेलंगाना के राज्यपाल तमिलसाई सुंदरराजन और पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन के नामों पर भी विचार हो सकता है।