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विदिशा

शहर में लगने वाले जाम से नहीं मिल पा रही मुक्ति

व्यापारी रखते हैं सडक़ों पर सामान

विदिशाApr 11, 2018 / 01:14 pm

KRISHNAKANT SHUKLA

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Ganjbasoda On the road, the road is kept on the road like this.

विदिशा/गंजबासौदा. शहर में लगने वाले जाम से नागरिकों को कैसे मुक्ति मिल पाएगी। यह प्रशासन के लिए बड़ा प्रश्न बनकर खड़ा हुआ है। क्योंकि सडक़ों पर व्यापारी अपना सामान रखते हैं और सडक़ों पर सामान से सडक़ें सकरी हो जाती हैं जिसके चलते शहर में जाम की हालात बनते हैं। सीजन का समय है हजारों ट्रैक्टर ट्रालियों का शहर में आना जाना है और शहर में सडक़ों पर व्यापारियों का सामान है ऐसी स्थिति में संपूर्ण शहर में आए दिन जाम की स्थिति निर्मित हो रही है।

प्रशासन ने इस जाम से मुक्ति के लिए इंतजाम किए थे लेकिन वह फेल हो गए। क्योंकि जब तक व्यापारियों का सामान सडक़ों से अंदर नहीं पहुंचेगा तब तक जाम की स्थिति में सुधार नहीं हो पाएगा। सडक़ें तो काफी चौड़ी हैं लेकिन अतिक्रमण की चपेट के चलते वह सकरी हो गई हैं और जब प्रशासन कार्रवाई के लिए आगे आता है तो व्यापारी ही प्रशासन की कार्रवाई का विरोध करते हैं और विवाद की स्थिति निर्मित करते हैं और कहा जाता है कि हमें अपनी हद बता दो।

एक तरफ ही डली पेंट की लाइन
विधायक द्वारा ली गई बैठक में तय हुआ था कि संपूर्ण शहर में पेंट की लाईन डाली जाएगी। इसके बाद सडक़ पर रखे हुए सामान पर कार्रवाई की जाएगी। लेकिन स्थानीय प्रशासन ने अभी तक केवल एक तरफ ही सडक़ पर लाईन डाली है। बाकी शहर में कहीं भी प्रशासन लाईन नहीं डाल सका है।

जबकि इस लाईन की कही हुई बात को दो महीने से भी ज्यादा हो चुके हैं। वहीं एक बात और समझ से परे है कि यदि प्रशासन ट्रेफिक में सुधार की बात कर रहा है तो फिर लाईन अभी तक क्यों नहीं डलवा पाया है। क्योंकि यदि लाईन से पहले कार्रवाई करते हंै तो वापिस से व्यापारी विवाद करने के लिए तैयार खड़े होंगे और कार्रवाई को किए बिना ही प्रशासन को वापिस लौटना पड़ेगा। क्योंकि जब जब भी प्रशासन के द्वारा कार्रवाई की गई है तब तब व्यापारियों के द्वारा लाईन को लेकर विवाद हुआ है।

नहीं हट सका ट्रांसफार्मर
त्योंदा रोड पर पचमा बाइपास जाने वाले रास्ते पर एक ट्रांसफार्मर रखा हुआ है वह ट्रांसफार्मर ट्रेफिक में रूकावट बनता है और जाम की स्थिति निर्मित हो जाती है। भारी वाहन तो वहां से निकालने में काफी मशक्कत चालक को करनी पड़ती है। साथ ही ट्रैक्टर ट्रालियों को मोडऩे में परेशानी होती है और जाम के हालात निर्मित हो जाते हैं। क्योंकि इस पचमा बाइपास से सैकड़ों की संख्या में वाहन रोजाना गुजरते हैं। कई बार तो पुलिस को मौके पर पहुंचना पड़ता है और जाम को खुलवाने के बाद आवागमन चालू हो पाता है। हालांकि तब तक घंटों का समय निकल जाता है और परेशानी होती है। महासंघ के अनुरोध के बाद भी नहीं हटाते दुकानों के सामने रखा सामान

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