इस हफ्ते भी सरिया के भाव में करीब 1200 रुपये प्रति टन तक की गिरावट आई है। जानकारों के अनुसार अभी इसमें मामूली कमी और आ सकती है, लेकिन आगे तेजी आना तय है। सरिया के अलावा सीमेंट (Cement) से लेकर ईंट (Bricks) और बालू (Sand) तक की कीमतें गिरी हुई हैं। जयपुर की बात करें तो जयपुर में सरिया 52-53 हजार रुपए प्रति टन तक पहुंच गया है। बताया जा रहा है कि आगे इसके दाम 50 से 48 हजार रुपये प्रति टन पहुंच जाएगा। शुक्रवार 10 जून को सरिया के दाम जयपुर में 52 हजार 200 रुपये प्रति टन पहुंच गया। जबकि 15 अप्रैल को शहर में सरिया 78 हजार रुपये प्रति टन बिक रहा था।

कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी फिर से लौटी पटरी पर राजस्थान क्रेडाई के अध्यक्ष धीरेंद्र मदान ने बताया दो-तीन कारणों में हाल में सरिया के दामों में कमी आई है। मदान ने बताया कि मई-जून में कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी की रफ्तार कुछ धीमी हो जाती है। तेज गर्मी में लोहे का काम करना आसान नहीं होता। साथ ही सरकार ने स्टील के आयात-निर्यात पर ड्यूटी में बदलाव किया है। निर्यात पर ड्यूटी बढ़ाई है और कच्चे माल के आयात पर कम की गई है। इससे भी सरिया के दाम कम हुए हैं। पर क्रेडाई अध्यक्ष, धीरेंद्र मदान ने बताया कि रेरा के कारण हमें समय पर ही प्रोजेक्ट पूरा करना होता है। इसमें ढिलाई नहीं कर सकते। इसलिए अब कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी एक बार फिर से तेजी पकड़ेगी। दाम कम होने से भी इसको सपोर्ट मिलेगा। अगर मानसून से कोई बाधा नहीं आई, तो कंस्ट्रक्शन में आगे तेजी रहेगी और आगे सरिया के दामों में गिरावट के बजाए तेजी आ सकती है।
चीन के लॉकडाउन से भी गिरे दाम केडिया एडवाइजरी, मुंबई के एमडी अजय केडिया के अनुसार चीन में लॉकडाउन के वजह से भी सरिया के दाम कम हुए हैं। चीन में पिछले दो-तीन महीने से लॉकडाउन के कारण वैश्विक स्तर पर सरिया के दामों में कमी आई है। लेकिन अब फिर से लॉकडाउन में रियायत के बाद चीन से भी डिमांड उठी है। साथ ही केडिया ने बताया कि भारत में दाम कम होने की बड़ी वजह भारत सरकार द्वारा pellets पर एक्सपोर्ट ड्यूटी को जीरो प्रतिशत से बढ़ाकर 45 प्रतिशत किया जाना और कच्चे माल के आयात पर ये इंपोर्ट ड्यूटी शून्य कर दी गई है।
लोहा कारोबारी अब भी दाम चढ़ने से हैरान लोहा कारोबारियों का कहना है कि सरिया में तेजी की वजह वैश्विक स्तर पर सप्लाई-चैन की दिक्क्तें थीं, नहीं तो कोई वजह नहीं थी कि IRON के दाम प्रति किलो 30 से 35 किलो तक तेज हो जाते। साथ ही लोहा कारोबारियों का कहना है कि अभी बाजार में मांग नदारद ही दिख रही है। दाम डेढ़ गुना से अधिक हो जाने से खरीदार दूर हो गए थे। अब बारिश का सीजन शुरू होने को है और इसे कारोबार के लिए वैसे ही ऑफ माना जाता है। इस वजह से सरिया की कीमतों में और गिरावट की और संभावना से इंकार नहीं कर सकते। इसके साथ ही एक दूसरा कारण यह भी है कि पिछले कुछ दिनों पहले तक देश से सबसे ज्यादा लोहा और स्टील बांग्लादेश, नेपाल और चीन भेजा जाता रहा है। पर, अब एक्सपोर्ट ड्यूटी बढ़ जाने के बाद सरिया का निर्यात कम हो गया जाएगा। इसका लाभ स्थानीय कारोबार को होगा।
करीब दो महीने में 20 हजार रुपए से सस्ता हुआ सरिया कारोबारियों का कहना है कि हाजिर बाजार में पौने दो महीने में ही सरिया की कीमतों में 15 हजार रुपये प्रति टन की गिरावट आई है। 15 अप्रैल को सरिया 70 हजार रुपये प्रति टन बिक रहा था। मार्च में तो सरिया रिकार्ड ऊंचाई पर पहुंचते हुए करीब 85 हजार रुपये प्रति टन हो गया था।
सरिया के साथ सीमेंट भी 280 रुपए हुए सस्ता लोहे के साथ सीमेंट की कीमतों में भी लगातार गिरावट का दौर जारी है। राजस्थान के जयपुर में इन दिनों सीमेंट 280 रुपये प्रति बैग पहुंच गया है। कारोबारियों का कहना है कि बाजार में किसी अब तेजी का रुझान नहीं है। मांग में भारी कमी है,इसके कारण ही कीमतों में गिरावट है। इसके पहले अप्रैल माह में सीमेंट 340 रुपये प्रति बैग पहुंच गया था।