पैरेंट्स के साथ 6 लाख बच्चों को परेशानी
परिवहन विभाग की ओर से चलाए जा रहे जांच अभियान के खिलाफ हजारों कैब चालक हड़ताल पर चले जाने की वजह से स्कूली बच्चों और उनके पैरेंट्स काफी परेशानी होते नजर आए। कुछ लोग सुबह ऑफिस की भागदौड़ के बीच बच्चों को स्कूल लेकर पहुंचे। वहीं कई महिलाओं को भी इस तरह की परेशानी से जूझना पड़ा। कैब चालकों की हड़ताल की वजह से करीब 6 लाख बच्चों को स्कूल जाने में काफी परेशानी हो रही है।
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भारतीय किसान यूनियन ने किया हड़ताल का समर्थन
भारतीय किसान यूनियन ने इस हड़ता का समर्थन किया है। भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनम सिंह चारुणी ने कहा कि दिल्ली सरकार स्कूल वाहन चालकों को अकेला समझने की गलती ना करें। भारतीय किसान यूनियन स्कूल ट्रांसपोर्ट यूनियन द्वारा 1 अगस्त को बुलाई गई हड़ताल का समर्थन करती है।
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700 से अधिक कैब सीज
यूनियन का आरोप है कि बीते दो हफ्ते से परिवहन विभाग स्कूली कैब को लेकर अभियान चला रहा है। 700 से अधिक कैब को सीज किया जा चुका है। इनको छुड़ाने के लिए काफी पैसे खर्च करने पड़ रहे है। राजधानी में करीब 50 फीसदी से अधिक स्कूली कैब गैर व्यावसायिक हैं, जिन्हें लेकर परिवहन विभाग का कहना है कि अगर कोई हादसा हो जाता है तो उसके लिए कौन जिम्मेदार होगा। कैब में निर्धारित सीटों से ज्यादा बच्चों को बैठाया जा रहा है।
हड़ताल को लेकर शाम को बैठक
ऑल दिल्ली ऑटो टैक्सी ट्रांसपोर्ट कांग्रेस यूनियन के अध्यक्ष किशन वर्मा ने कहा कि निजी कैब चालकों पर लगातार हो रही कार्रवाई से मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं। संभावना जताई जा रही है कि यह हड़ताल आगे भी बढ़ा सकती है। इसको यूनियन के पदाधिकारियों को कहना है कि अगर हमारी मांगे नहीं मानी जाती हैं तो सोमवार शाम को बैठक कर हड़ताल को आगे बढ़ाने का फैसला लिया जाएगा।