हिंसक हुई भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज के साथ-साथ फायरिंग भी करनी पड़ी। इस हिंसा के दौरान कई लोग जख्मी भी हुए। जख्मी हुए दो लोगों की मौत रांची के रिम्स में इलाज के दौरान हो गई। जबकि 13 अन्य घायलों का अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है। दूसरी ओर इस घटना के बाद झारखंड सरकार ने पूरे राज्य के लिए अलर्ट जारी कर दिया है।
हिंसा कैसे भड़की, इसकी पुलिस कर रही जांच-
रांची के कई इलाकों में कर्फ्यू जारी है। इंटरनेट सेवा को बंद कर दी गई है। हिंसाग्रस्त इलाके को पूरी तरह से सील कर दिया गया है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती की गई है। मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी की सूचना नहीं है। लेकिन पुलिस का कहना है कि हिंसा कैसे भड़की इसकी हम जांच कर रहे हैं। जांच के बाद जो भी दोषी होंगे उनपर कार्रवाई की जाएगी।
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सुजाता चौक से अलबर्ट एक्का चौक तक धारा 144-
रांची में सुजाता चौक से अलबर्ट एक्का चौक तक धारा 144 लागू है। अराजक तत्वों की तलाश के लिए टीम गठित कर पुलिस ने छापेमारी शुरू कर दी है। रांची के DIG अनीश गुप्ता ने कहा कि फिलहाल स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में हैं। घटना कैसे हुई। इसकी जांच की जा रही है। हम जनता से सहयोग की अपील कर रहे हैं। दूसरी ओर कुछ लोगों ने बताया कि राजधानी को अशांत करने की साजिश रामनवमी के समय से ही रची जा रही थी। नूपुर शर्मा को लेकर पैदा हुए ताजा विवाद से अराजक तत्वों को एक मौका मिल गया।
विवाद की जड़, नुपुर शर्मा का एक बयान-
शुक्रवार को रांची सहित पूरे देश में जो बवाल हुआ उसकी वजह बीजेपी से निलबिंत की जा चुकी प्रवक्ता नुपुर शर्मा का पैगंबर मोहम्मद को लेकर दिया गया एक बयान है। हालांकि कई लोगों का कहना है कि नुपुर शर्मा को निशाना बनाकर जानबूझ कर देश का माहौल खराब किया जा रहा है। नुपुर शर्मा के मामले को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने भड़काऊ टिप्पणी करने के मामले में नुपुर शर्मा, असदुद्दीन ओवैसी समेत 32 लोगों पर केस दर्ज किया था।