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ड्रग केस में फंसे अकाली नेता बिक्रम मजीठिया को बड़ी राहत , पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट से मिली जमानत

Published: Aug 10, 2022 11:37:04 am

Submitted by:

Mahima Pandey

SAD Leader Bikram Singh Majithia: ड्रग मामले में जेल में बंद अकाली दल के नेता को लंबे समय बाद हाईकोर्ट से राहत मिली है। उनकी रिहाई पर उनके वकील ने कहा है कि झूठ अधिक देर तक नहीं टिकता। जानें क्या है पूरा मामला? किस ऐक्ट के तहत जेल में बंद हैं अकाली दल के नेता?

Punjab and Haryana High Court grants bail to Shiromani Akali Dal MLA Bikram Singh Majithia

Punjab and Haryana High Court grants bail to Shiromani Akali Dal MLA Bikram Singh Majithia

Punjab Drug Case: अकाली नेता और पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया को बुधवार को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। ड्रग्स मामले में NDPS ऐक्ट के तहत फंसे मजीठिया को कोर्ट ने जमानत दे दी है और वो जल्द ही जेल से बाहर आ सकते हैं। इस वक्त वो पटियाला जेल में बंद हैं। उनके वकील अर्शदीप कलेर आज मोहाली मैजिस्ट्रैट कोर्ट में बेल बॉन्ड भरेंगे जिसके बाद उन्हें जेल से रिहा कर दिया जाएगा। अकाली दल के नेता को मिली जमानत पर उनके वकील ने एक वीडियो जारी कहा है कि सच को कितना भी दबाया जाए वो अधिक देर तक नहीं छुपता।
अकाली नेता के वकील अर्शदीप कलेर ने कहा, “भगवान की घर में देर है अंधेर नहीं। आप सभी की दुआ के कारण पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने विक्रम मजीठिया को बेल ग्रांट कर दी है। सच को अधिक देर तक छुपाया नहीं जा सकता। झूठ का मैल आखिरकार निकल ही गया।”

कलेर ने आगे कहा, “कांग्रेस की सरकार ने डीजीपी बदल कर जांच ब्यूरो के चीफ बदलकर कई कोशिशें की उन्हें फँसाने की लेकिन आज कोर्ट ने इस मामले में फैसला देकर सभी झूठ को उजागर दिया है।”
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मजीठिया के वकील ने कहा, “दोनों सरकारों ने एड़ी चोटी का जोर लगाया लेकिन कोर्ट में मजीठिया के खिलाफ सबूत पेश नहीं कर सके। इसी कारण आज कोर्ट ने उन्हें बेल दे दिया है। बाकी बातें मजीठिया जेल से बाहर आने के बाद करेंगे।”


ड्रग्स केस में बिक्रम सिंह मजीठिया पर गंभीर आरोप हैं। दरअसल, वर्ष 2013 में जब 600 करोड़ रुपये के ड्रग रैकट का पर्दाफाश हुआ था तब इस मामले में मुख्य आरोपी जगदीश भोला भी गिरफ्त में आया था। इस आरोपी ने पूछताछ में बिक्रम मजीठिया का नाम लिया था। मजीठिया पर आरोप थे कि वो चुनाव के लिए ड्रग तस्करों से फंड लेते रहे हैं और ड्रग तस्करों के बीच समझौता करवाने के भी गंभीर आरोप उनपर लगे।
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इसके बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस की तत्कालीन सरकार पर इन्हें गिरफ्तार करने का दबाव बनाया था। इस मामले के चार साल बाद कांग्रेस सरकार ने डीजीपी इकबाल प्रीत को पद से हटा दिया और सिद्धू के करीबी सिद्धार्थ चटोपाध्यय को नया डीजीपी बना दिया था। सिद्धार्थ ने इसके बाद बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ NDPS एक्ट की धारा 25, 27 ए और 29 के तहत केस दर्ज किया था।


कांग्रेस के शासनकाल में पिछले वर्ष 20 दिसम्बर 2021 को उनके खिलाफ NDPS ऐक्ट के तहत FIR दर्ज की गई थी। उस समय सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव लड़ने तक मजीठिया की गिरफ़्तारी पर रोक लगा दी थी लेकिन वोटिंग के बाद 24 फरवरी को मजीठिया ने मोहाली कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। इसके बाद से ही वो पटियाला जेल में बंद हैं।
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NDPS Act क्या है?
नारकोटिक्स ड्रग्स साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट 1985 (NDPS) को वर्ष 1985 में भारतीय संसद में पारित किया गया था। इसका उद्देश्य देश में बढ़ रहे ड्रग के नेटवर्क को तोड़ना था। इस ऐक्ट को वर्ष 1988, 2001 और 2014 में संशोधित भी किया जा चुका है। नशीले प्रदार्थ का सेवन करने या बनाने या इसकी खरीद-बिक्री करना कानून के खिलाफ माना जाएगा। इस ऐक्ट के तहत केंद्र सरकार प्रतिबंधित ड्रग्स की लिस्ट जारी करती है और ये राज्य सरकारों की सलाह पर अपडेट भी होती है। इन ड्रग्स की तस्करी या इसका सेवन करने से जुदा कोई भी व्यक्ति अपराधी माना जाएगा।
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